उत्तराखंड : सत्ता स्वार्थ की आस में दल बदल, कैबिनेट मंत्री का भाजपा को बाय बाय।

मीडिया ग्रुप, 11 अक्टूबर, 2021

देहरादून। विधानसभा चुनाव की तेज होती सरगर्मियों के बीच उत्तराखण्ड में आज भाजपा को बड़ा झटका लगा है।

उत्तराखण्ड सरकार के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री एवं छह बार के विधायक यशपाल आर्य और उनके पुत्र नेनीताल के विधायक संजीव आर्य ने दिल्ली में भाजपा छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया।

सोमवार सुबह से ही राजनैतिक गलियारों में चर्चा थी कि कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य व विधायक संजीव आर्य कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। सोशल मीडिया पर यह खबर तेजी से वायरल होने लगी। आखिरकार दोपहर बारह बजे से पहले बाजपुर के विधायक एवं परिवहन मंत्री यशपाल आर्य और उनके पुत्र नैनीताल के विधायक संजीव आर्य ने दिल्ली में राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव एवं पूर्व सीएम हरीश रावत एवं नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह की उपस्थिति में विधिवत कांग्रेस में वापसी का ऐलान किया।

इस दौरान बाजपुर के कांग्रेस नेता हरेंद्र सिंह लाडी समेत कई अन्य समर्थक भी उनके साथ भाजपा में शामिल हुए। सूत्रों के अनुसार हरदा के दलित सीएम उम्मीदवार की घोषणा से राजनीतिक गलियारे में इसकी सुगबुगाहट तेज हो गई थी। समाज कल्याण एवं परिवहन मंत्री व बाजपुर से विधायक यशपाल आर्य व उने बेटे संजीव आर्य नैनीताल विधानसभा सीट से विधायक है। दोनों ने 2017 में कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामा था। तब भाजपा ने दोनों को प्रत्याशी भी बनाया था। दोनों ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद भाजपा सरकार ने यशपाल आर्य को कैबिनेट मंत्री बनाया।

अब 2022 के विधानसभा चुनाव होने हैं। यशपाल आर्य और संजीव आर्य के भाजपा छोड़ने से भाजपा को बड़ा झटका लगा है। बीते दिनों गढ़वाल मंडल से कांग्रेस विधायक राजकुमार व प्रीतम सिंह पवार के बाद कुमाऊं मंडल से निर्दलीय विधायक रामसिंह कैड़ा ने भाजपा का दामन थामा था। आज कांग्रेस ने इसका हिसाब चुकता कर दिया।

दिल्ली में यशपाल आर्य और संजीव आर्य की कांग्रेस में घर वापसी के दौरान पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि यशपाल आर्य कांग्रेस और उत्तराखण्ड के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने प्रदेश के विकास में अपना उल्लेखनीय योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि यशपाल आर्य की कांग्रेस में वापसी से पार्टी मजबूत होगी और उत्तराखण्ड में प्रचण्ड बहुमत से कांग्रेस की सरकार बनेगी।