प्रियंका गांधी का बेरोजगारी और दमनकारी नीति पर तीखा हमला, मंत्री के इस्तीफे तक आंदोलन जारी रखने का ऐलान।

मीडिया ग्रुप, 10 अक्टूबर, 2021

उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं। रविवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर और मां अन्नपूर्ण मंदिर में विधिविधान से पूजा अर्चना की और सुख समृद्धि की कामना की।

वहीं प्रियंका गांधी ने किसान न्याय रैली को संबोधित किया। प्रियंका ने कहा, ये देश भ्रष्ट हो रहा है। जितने भी इश्तेहार, होर्डिंग लग रहे हैं, इनके पीछे जो सच्चाई है, आप जानते हैं। आप जी रहे हैं। आप बताइए आपको फसल का दाम मिलता है। गैस सिलेंडर मिलता है। आपके बच्चों को रोजगार मिलता है। तो सच्चाई क्या है और इस सच्चाई को बोलने से लोग डर क्यों रहे हैं। किस चीज से भय है। क्या हो जाएगा। समय आ गया है। चुनाव की बात नहीं है, अब देश की बात है।

उन्होंने कहा कि ये देश भाजपा के पदाधिकारियों, मंत्रियों, प्रधानमंत्री की जागीर नहीं है, ये देश आपका है। इस देश को कौन बचाएगा? कौन बचाएगा इस देश को? उन्होंने कहा, अगर आप जागरूक नहीं बनेंगे। आप इनकी राजनीति में उलझे रहेंगे तो न आप अपने आप को बचा पाएंगे और न देश को। आप किसान हो, इस देश की आत्मा हो। मंच पर जितने भी नेता बैठे हैं, आपने बनाया है उन्हें। जो आपको आंदोलनकारी कहते हैं, आतंकवादी कहते हैं, उनको न्याय देने के लिए मजबूर करिए।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के जितने भी कार्यकर्ता हैं, किसी से नहीं डरते हैं। हमें जेल में डालिए, हमें मारिए, हमें कुछ भी कर लीजिए, हम लड़ते रहेंगे, जब तक गृह राज्यमंत्री इस्तीफा नहीं देंगे, हम लड़ते रहेंगे, हिलेंगे नहीं।उन्होंने कहा, हम कांग्रेस के कार्यकर्ता हैं, हमने देश की आजादी की लड़ाई लड़ी है। हमें कोई चुप नहीं कर सकता। कोई नहीं रोक सकता और जितने भी लोग मेरी बातों को सुन रहे हैं, वो अपने अंतर्मन में झांकिए और अपने आप से सिर्फ एक सवाल पूछिए कि जब से ये सरकार आई है, इन पिछले 7 सालों में क्या आपके जीवन में तरक्की आई है या नहीं? विकास आपके द्वार पर आया है या नहीं? जो वचन आपसे किए गए थे, वो निभाए गए हैं या नहीं? और इमानदारी से जवाब दीजिए। अगर आपका जवाब न है तो मेरे साथ खड़े होइए और लड़िए। परिवर्तन लाइए। अपने देश को बदलिए। क्योंकि मैं तब तक नहीं रुकूंगी जब तक परिवर्तन न आए।

प्रियंका ने आगे कहा, समझ लीजिए जब-जब मैं बात करती हूं लोगों से, एक बात उभरती है कि यहां कुछ हो नहीं रहा है। कमाई नहीं है, रोजगार नहीं है, किसान त्रस्त है, नदियों के पास रहने वाला निषाद त्रस्त है, महिला त्रस्त है, दलित त्रस्त है, लेकिन सब पूछते हैं कि दीदी मीडिया में आता है कि सब सुरक्षित हैं। लेकिन इस देश में दो लोग ही सुरक्षित हैं। एक जो भाजपा के साथ जुड़ा है और दूसरे उनके खरबपति मित्र। इस देश का न मजदूर सुरक्षित है, न मल्लाह सुरक्षित है, न दलित सुरक्षित, न गरीब सुरक्षित है, न महिला सुरक्षित है, इस देश में सिर्फ प्रधानमंत्री, उनके मंत्री, उनकी पार्टी के लोग, जो सत्ता में हैं और उनके खरबपति दोस्त सुरक्षित हैं।

प्रियंका ने कहा, जब लखीमपुर में शहीद नक्षत्र सिंह के घर गई, तो पता चला कि उनका बेटा सीमा सुरक्षा बल में दाखिल हुआ है। जब मैं अगले परिवार से मिलने गई तो बताया गया कि उनके भाई-बहन सेना में देश की सेवा करते हैं। जब मैं पत्रकार रमन कश्यप के घर गई तो बताया गया कि वो वीडियो ले रहे थे, इसलिए उन्हें कुचल दिया गया। सारे परिवारों ने मुझसे कहा कि उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद नहीं है। अगर सरकार, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, गृह राज्यमंत्री, विधायक सभी मिले हुए हैं तो जनता किसके पास जाए।

प्रियंका ने कहा, आप जानते हैं कि किसान ने 9-10 महीनों से एक आंदोलन जारी रखा है। 300 दिन से अधिक ये आंदोलन चला है। 600 से ज्यादा किसान शहीद हुए हैं। ये आंदोलन इसलिए कर रहे हैं क्योंकि ये जानते हैं कि तीन कानून के जरिए उनके जमीन, आमदनी, फसल सब उनके खरबपति मित्रों के पास जाने वाली है। मोदीजी के मित्रों ने पिछले साल हिमाचल से सेब 88 रुपये किलो में खरीदा था, इस साल वही सेब 72 रुपये किलो में खरीद रहे हैं। इसलिए मनचाहे ढंग से कीमत घटा दी गई। ये स्थिति पूरे देश में होगी। जब इनके कानून लागू होंगे, तो आपकी खेती, फसल सब छीना जाएगा।

उन्होंने कहा, कोरोना के समय लोगों को ये उम्मीद नहीं थी कि ये सरकार उनकी मदद करेगी। उसके बाद हाथरस में अपराध हुआ। सरकार ने अपराधियों को नहीं रोका। सरकार ने परिवार के सदस्यों को अपनी बेटी की चिता जलाने से रोका। उस परिवार ने मुझसे कहा कि दीदी हमें न्याय चाहिए, लेकिन हम न्याय की उम्मीद नहीं कर सकते।

उन्होंने कहा, लखीमपुर खीरी में जो हुआ। इस देश के गृह राज्यमंत्री के बेटे ने अपने गाड़ी के नीचे 6 किसानों को निर्ममता से कुचल दिया और सब परिवार, 6 के 6 परिवार कहते हैं कि हमें पैसे नहीं चाहिए, हमें मुआवजा नहीं चाहिए, हमें न्याय चाहिए। लेकिन हमें न्याय दिलवाने वाला नहीं दिख रहा है। सरकार मंत्री और उसके बेटे को बचाने में लगी रही। विपक्षी नेताओं को रोकने में लगी रही। मैंने रात में जाने की कोशिश की तो पुलिस लगी रही। लेकिन अपराधी को पकड़ने के लिए एक भी पुलिसवाला नहीं निकला। अपराधी को उन्होंने निमंत्रण भेजा।

उन्होंने कहा, आपने कहीं देखा है कि एक इंसान 6 लोगों की हत्या कर दे और उनसे पुलिस कहे कि आइए हमसे बात करिए। कभी भी किसी भी देश और दुनिया के इतिहास में नहीं हुआ होगा। यहां के मुख्यमंत्री मंच पर बैठकर उस मंत्री का बचाव कर रहे हैं, जिसके बेटे ने ऐसा काम किया है। जो प्रधानमंत्री लखनऊ आ सकते थे आजादी के प्रदर्शन को देखने के लिए, वो दो घंटे की दूरी पर लखीमपुर नहीं जा सकते थे उन किसानों के आंसू पोंछने के लिए।

उन्होंने कहा कि इस देश को किसान ने सींचा है। किसान के बेटे हैं जो हमारी सुरक्षा कर रहे हैं। ये देश क्या है? ये देश एक आस्था है, एक उम्मीद है, न्याय की उम्मीद पर इस देश को आजादी मिली। जब महात्मा गांधीजी आजादी की लड़ाई लड़ने गए तो उनके दिल में था कि सबको न्याय मिलना चाहिए। न्याय पर हमारा संविधान अधिकार है, लेकिन इस देश में न्याय की उम्मीद सब छोड़ चुके हैं।