स्वैच्छिक यौन संबंध’ पोक्सो कानून को आकर्षित नहीं करेगा, केवल पुरुष को दोषी ठहराने का कोई कारण नहीं- कलकत्ता हाईकोर्ट।
मीडिया ग्रुप, 22 सितंबर, 2021
कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा है कि यौन संबंधों का स्वैच्छिक कृत्य पोक्सो कानून, 2012 को आकर्षित नहीं करेगा। जस्टिस सब्यसाची भट्टाचार्य ने कहा, यदि संबंध की प्रकृति सहभागिता की है तो केवल पुरुष को भिन्न यौनांग रचना के कारण आरोपित करने का कोई औचित्य नहीं है।
कोर्ट के मुताबिक, किसी व्यक्ति को पेनेट्रेटिव सेक्सुअल एसॉल्ट का दोषी ठहराने के लिए आरोपी की तुलना में पीड़िता की मानसिकता, परिपक्वता और पिछला आचरण भी प्रासंगिक है।
फैसले में कहा गया है कि पोक्सो एक्ट के प्रावधानों का उपयोग बच्चों की सुरक्षा के लिए उपयुक्त संरचना के लिए किया जाना चाहिए, न कि किसी व्यक्ति को दूसरे से शादी करने के लिए मजबूर करने के लिए दुर्व्यवहार के साधन के रूप में।