मीडिया ग्रुप, 20 अक्टूबर, 2021
गदरपुर। बरसात से किसानों के खेत में खड़ी धान की फसल को तो नुकसान हुआ ही है। अनाज मंडी में तौल के लिए 14 हजार क्विटल धान पानी से खराब हो गया। किसानों का कहना था की चार दिन से अनाज मंडी में बोली लगाकर धान लिया जा रहा था। मंडी में 80 लाइसेंस धारक होने के बावजूद कुल 20 दुकानों तक धान की बोली लगाई जाती थी। अगर सभी व्यापारियों के यहां बोली लगाई जाती तो उन्हें इतना बड़ा नुकसान नहीं उठाना पड़ता।
आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष सतीश घीक ने बताया कि मंडी में 17 अक्टूबर को किसान बहुत धान ले आए थे। मानक से ज्यादा नमी होने से धान की तौल नहीं हो पाई। नदी पर लोगों द्वारा अतिक्रमण किए जाने से नदी का सारा पानी मंडी में आ गया। जिस से धान की फसल खराब हुई।
मंडी सचिव कैलाश शर्मा ने बताया कि उनके द्वारा ध्वनि विस्तारक यंत्रों से किसानों से अपील की गई थी कि मौसम खराब होने की वजह से ध्यान मंडी में ना लाएं लेकिन किसान ज्यादा धान लेकर आ गए जिससे धान की तौल नहीं हो पाई।
मंडी सचिव और आढ़तियों की मनमर्जी का खामियाजा किसानों को उठाना पड़ा है जिससे हजारों कुंतल धान खराब हुआ है।