ऊधमसिंह नगर : सिडकुल बना श्रमिकों के मानवाधिकार हनन का अड्डा, विधायक ने डीएम के समक्ष रखी श्रमिकों की समस्या।

मीडिया ग्रुप, 09 दिसम्बर, 2021

रूद्रपुर। सिडकुल में श्रमिकों को उचित मजदूरी न मिलने, स्थाई न करने, ओवर टाइम लेने सहित तमाम तरह से श्रमिकों के उत्पीड़न किये जाने से मानवाधिकार हनन का अड्डा बन गया है।

इन्टार्क बिल्डिंग प्रोडक्ट्स प्राईवेट लिमिटेड के कर्मचारियों ने विधायक राजकुमार ठुकराल के नेतृत्व में अपनी मांगों को लेकर जिलाधिकारी से मुलाकात की। इस दौरान डीएम को ज्ञापन सौंपकर समस्याओं के निराकरण की मांग की गयी।

विधायक की अगुवाई में सौंपे गये ज्ञापन में श्रमिकों ने कहा कि इंटरार्क बिल्डिंग प्रोडक्ट्स सिडकुल पंतनगर व किच्छा में कार्यरत करीब एक हजार श्रमिक विगत 4 वर्षों से कंपनी प्रबंधन के शोषण उत्पीड़न और गैरकानूनी कृत्यों के विरुद्ध परिजनों समेत संघर्षरत है।

कंपनी प्रबंधन के प्रस्ताव पर दिनांक 15 दिसम्बर 2018 को यूनियनों व प्रबंधान के मध्य 32 निलंबित श्रमिकों की कार्य बहाली करने समेत कई अन्य बिंदुओं पर लिखित समझौता हुआ था। कंपनी प्रबंधान द्वारा अपने ही द्वारा प्रस्तावित उक्त लिखित का घोर उल्लंघन कर उक्त श्रमिकों को बर्खास्त कर वादाखिलाफी की गई।

4 वर्षों से उक्त श्रमिकों की कार्यबहाली नहीं की जा रही है। जिस कारण वो अपने परिजनों समेत दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। 4 वर्षों से करीब एक हजार श्रमिकों की वेतन वृद्धि नहीं की गई है। मांग पत्रों पर सुनवाई भी नहीं की जा रही है।

श्रमिकों को झूठा आरोप लगाकर आरोप पत्र देकर उत्पीड़न किया जा रहा है। पंजीकृत यूनियन को भी मान्यता नहीं दी जा रही है। कंपनी प्रबंधन द्वारा गैर कानूनी रूप से ठेका मजदूरों को मशीनों व मुख्य उत्पादन गतिविधिायों में कार्य कराकर जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। जिससे आये दिन श्रमिकों के अंगभंग होकर विकलांग हो रहे हैं।

इस सम्बंधा में श्रम विभाग में कई बार शिकायत की गई। कोई कार्यवाही न होने पर यूनियन ने उच्च न्यायालय नैनीताल में याचिका लगाई गई। उच्च न्यायालय के आदेश पर कंपनी में श्रम अधिकारियों द्वारा मारे गये छापे के ठीक एक दिन पूर्व कंपनी प्रबंधन को इसकी भनक लग गई। जिस दिन कंपनी में छापा पड़ा था उस दिन ठेका मजदूरों को कंपनी ने ब्रेक दे दिया। अभी भी मामला हाईकोर्ट में विचाराधाीन है।

कंपनी प्रबंधन द्वारा वर्तमान समय में हाईकोर्ट व श्रम विभाग को गुमराह करने के लिये नई साजिश रचकर ठेका मजदूरों व अन्य बाहरी मजदूरों को कैजुअल व आप्रेंटिस के नाम पर दिखाया जा रहा है। जो कि कंपनी के प्रमाणित स्थाई आदेशों का खुला उल्लंघन है।

श्रमिकों ने लिखित समझौता दिनांक 15 दिसम्बर 2018 को लागू कराकर 32 श्रमिकों की तत्काल संवैतनिक कार्यबहाली, माँग पत्रों पर समझौता, यूनियन को मान्यता, कंपनी में चल रही ठेका प्रथा पर तत्काल रोक, ठेकेदारों के लाइसेंसो को निरस्त करने, कंपनी में कैजुअल व अप्रेंटिस के मजदूरों को मशीनों व मुख्य उत्पादन क्षेत्रों पर कार्य कराने के गैरकानूनी कृत्यों पर रोक एवं समस्त ठेका कैजुअल व अप्रेंटिस के मजदूरों को तत्काल स्थाई करने की मांग की। मामले में डीएम ने कार्यवाही का आश्वासन दिया।