मीडिया ग्रुप, 28 अक्टूबर, 2021
उत्तराखंड में बीतें दिनों भारी बारिश के बाद आई आपदा में हुए नुकसान की रिपोर्ट शासन को मिलने लगी है। अभी तक 10 से 12 विभागों की ओर से सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर 900 करोड़ रुपये के नुकसान का प्राथमिक आकलन किया गया है। 232 से अधिक परिसंपत्तियों को नुकसान पहुंचा है। क्षति का आंकड़ा और भी बढ़ने के आसार हैं।
आपदा में सड़कों, पुलों, आवासीय और व्यावसायिक भवनों, फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। पशु हानि भी हुई है। कई स्कूल भवन और अन्य सरकारी भवन भी इसकी जद में आए हैं। सचिवालय स्थित राज्य परिचालन केंद्र के अनुसार आपदा में हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए जिलों से विभागवार रिपोर्ट मांगी जा रही है। जिसके आधार पर क्षति का आकलन किया जा रहा है।
अभी तक प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, नैनीताल जिले में 74 भवनों को क्षति पहुंची है, इनमें 19 भवन पूर्ण रूप से ध्वस्त हो गए, जबकि 55 भवनों को आंशिक क्षति पहुंची है। अल्मोड़ा में 40 भवनों को नुकसान पहुंचा है, इनमें सात भवन पूरी तरह से ध्वस्त हो गए, जबकि 33 भवनों को आंशिक क्षति पहुंची है। चंपावत में दो भवनों को आंशिक क्षति पहुंची है।
ऊधमसिंह नगर में चार भवन पूर्व रूप से ध्वस्त हो गए, जबकि 16 को आंशिक क्षति पहुंची है। इसके अलावा 74 झोपड़ियों के साथ सात गोशालाएं बाढ़ में बह गईं। जिले में अभी तक 78 बड़े पशुओं, 30 छोटे पशुओं और 31 हजार से अधिक कुक्कुट के मरने की रिपोर्ट प्राप्त हुई है। चमोली में 15 भवनों को क्षति पहुंची है।
आपदा प्रबंधन सचिव एसए मुरुगेशन ने बताया कि जैसे-जैसे जिलों से विभागों की ओर नुकसान की रिपोर्ट भेजी जा रही है, क्षति का आकलन किया जा रहा है। कुल कितना नुकसान हुआ है, इसका आकलन सभी जिलों से रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद ही किया जा सकेगा। फिलहाल दस से 12 विभागों की रिपोर्ट प्राप्त हो गई है। इसमें प्राथमिक तौर पर करीब नौ सौ करोड़ रुपये के नुकसान का आकलन किया गया है।