मीडिया ग्रुप, 09 अक्टूबर, 2021
रुद्रपुर। आप नेता नंदलाल ने सरकारी स्कूलों की दयनीय स्थिति पर सवाल उठाए है। उन्होने कहा कि प्रदेश में सरकारी स्कूलो का स्तर लगातार गिर रहा है जिसकी वजह से छात्रों की संख्या घटती पजा रही है । अगर आंकड़ों की बात कहें तो उत्तराखंड प्रदेश में 17 हजार 54 सरकारी स्कूल है जिसमें छात्र-छात्राओं की संख्या लगभग 10 लाख 9 हजार है वहीं प्राइवेट स्कूलों की संख्या 5674 है, लगभग तेरा लाख 23 हजार छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं । राज्य भर में सरकारी और प्राइवेट स्कूलों की संख्या और उनकी छात्र संख्या में बड़ा विरोधाभास है।
उन्होंने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर में सरकारी स्कूल गांव गांव तक खुले हुए हैं किंतु गुणवत्तायुक्त शिक्षा एवं संसाधनों की कमी होने के कारण अभिभावक प्राइवेट स्कूलों की तरफ रुख किए हुए हैं जहां पर अभिभावकों से मोटी रकम वसूली जाती है।
उन्होंने कहा कि यह विसंगति भाजपा की शिक्षा के प्रति उदासीनता का परिचय देती है । शिक्षा क्षेत्र की दुर्गति करना प्रदेश के हित में नहीं है । बच्चों के भविष्य के साथ अन्याय हैं और अभिभावकों के ऊपर अतिरिक्त बोझ भी है। वहीं अगर हम बात करें दिल्ली के सरकारी स्कूलों की तो वहां पर प्राइवेट स्कूलों से बच्चे अपना नाम कटवा कर सरकारी स्कूलों में दाखिला ले रहे हैं। यह सब अच्छी नियत ईमानदारी से किए गए कार्यों के कारण ही हो पाया है।
उन्होंने कहा कि यदि उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी की सरकार बनती है तो यह आंकड़े विपरीत कर दिए जाएंगे और सरकारी स्कूलों को विश्व स्तरीय संसाधनों के साथ गुणवत्ता युक्त शिक्षा दी जाएगी । आम आदमी पार्टी की शिक्षा नीति की विश्व स्तर पर तारीफ हो रही है और अपनाई भी जा रही है।