मीडिया ग्रुप, 06 अक्टूबर, 2021
हल्द्वानी। कांग्रेस से राज्यसभा सदस्य व वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी ने अमेरिकी ई-कामर्स कंपनी अमेजन के कथित रिश्वत प्रकरण को लेकर केंद्र सरकार को घेरा। कहा कि देश के छोटे दुकानदारों व लघु-मध्यम उद्योगों को खत्म किया जा रहा है। आजीविका के साधन बंद करने के लिए सरकार कांट्रेक्ट किलर की तरह काम कर रही है।
केटीएस के मुताबिक अमेरिकी ई-कामर्स कंपनी अमेजन ने कानूनी शुल्क के नाम पर 8546 करोड़ का भुगतान कर दिया। जबकि कानून और न्याय मंत्रालय का सालाना बजट सिर्फ 1100 करोड़ है। एक रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी ने यह राशि कथित रिश्वत के तौर पर दी। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि किन दलों, नेताओं व अफसरों को यह पैसा मिला। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआइटी से पूरी जांच करवानी चाहिए।
मंगलवार को स्वराज आश्रम हल्द्वानी में पत्रकार वार्ता के दौरान केटीएस तुलसी ने कहा कि डेढ़ साल के भीतर 14 करोड़ नौकरियां चली गई। केंद्र सरकार की शह पर अमेजन समेत मुठ्ठी भर कंपनियों ने अपनी जड़ें जमा ली। ई-कामर्स कंपनियों के कारोबार को बढ़ाने के लिए नियमों और कानून में भी बदलाव किया होगा। अमेजन समेत छह कंपनियों का मिलकर हजारों करोड़ का भुगतान करना कई सवाल खड़े करता है।
अखिल भारतीय व्यापारियों के परिसंघ (सीएआइटी) ने इस मामले को लेकर एक पत्र एफसीपीए प्रमुख को भेजा था। उसके बावजूद सरकार ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों की जांच नहीं करवाई।
इस दौरान कांग्रेस मीडिया कोआर्डिनेटर जरिता लैतफलांग, पूर्व मंत्री हरीश दुर्गापाल, प्रदेश प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया, पब्लिसिटी कमेटी अध्यक्ष सुमित हृदयेश मौजूद थे।