‘उठो द्रोपदी शस्त्र उठा लो, अब गोविंद न आएंगे’ जैसी बुलंद हौसलों की कविता लिखने वाले कवि की संकीर्ण मानसिकता।
मीडिया ग्रुप, 18 नवंबर, 2021
लेखक- गुरबाज सिंह, विधि संपादक- मीडिया ग्रुप
हाल ही में अपने उत्तर प्रदेश दौरे के दौरान चित्रकूट में प्रियंका गांधी द्वारा महिलाओं को संबोधित करते समय एक कविता ‘उठो द्रोपदी शस्त्र उठा लो, अब गोविंद न आएंगे’ का पाठ करने से कवि पुष्यमित्र उपाध्याय भड़क गए। उनका कहना है कि प्रियंका गांधी ने अपनी राजनीति के लिए कविता का इस्तेमाल किया। उन्होंने प्रियंका पर कविता चोरी का आरोप लगा दिया।
खबरों के अनुसार, प्रियंका गांधी बुधवार को चित्रकूट पहुंची थीं। यहां मंदाकिनी नदी के रामघाट पर उन्होंने ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ संवाद को संबोधित किया था। इसी दौरान उन्होंने कविता पाठ कर महिलाओं से आह्वान किया कि उन्हें खुद के हालात बदलने के लिए स्वयं संघर्ष भी करना होगा।
प्रियंका के इस आह्वान का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगा। महिलाओं के लिए प्रियंका का यह आह्वान कविता के लेखक पुष्यमित्र उपाध्याय के गले नहीं उतरा। उन्होंने प्रियंका पर यह कहते हुए कविता चोरी का आरोप लगा दिया कि मैं आपका विरोधी हूं।
कवि पुष्यमित्र उपाध्याय ने ट्वीट कर लिखा, प्रियंका गांधी जी ये कविता मैंने देश की स्त्रियों के लिए लिखी थी न कि आपकी घटिया राजनीति के लिए। न तो मैं आपकी विचारधारा का समर्थन करता हूं और न आपको ये अनुमति देता हूं कि आप मेरी साहित्यिक संपत्ति का राजनैतिक उपयोग करें। कविता भी चोरी कर लेने वालों से देश क्या उम्मीद रखेगा?
एक कवि द्वारा उसकी कविता को सार्वजनिक मंच पर पढ़े जाने पर इस तरह का ऐतराज कम ही अवसर को देखने को मिलता है। कवि की कविता के शब्दों से उसके मनभाव को महसूस किया जा सकता है। इस कविता में भी महिलाओं की हौंसला अफजाई महसूस की जा सकती है लेकिन अपनी कविता को किसी मंच से पढ़ें जाने से इस तरह के आरोप केवल इस लिये की मैं आपका विरोधी हूँ। कवि का काम समाज को आइना दिखाना होता है, गलत को गलत और सही को सही कहना होता है, कवि किसी का विरोधी और किसी का पक्षधर न होकर गलत और सही का विरोधी और पक्षधर हो सकता है।