देश में सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या चिंता का विषय बन चुकी है। हाल ही में देहरादून में हुई दुर्घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया, जिसमें छह युवाओं ने अपनी जान गंवा दी। इस घटना के बाद पुलिस और आरटीओ द्वारा लोगों को ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूक करने के प्रयास तेज़ कर दिए गए हैं। हालांकि, यह जिम्मेदारी केवल प्रशासन की नहीं है, बल्कि समाज के हर व्यक्ति को भी अपनी भूमिका निभानी होगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
ट्रैफिक नियमों का महत्व:
इस संदर्भ में हाई कोर्ट के अधिवक्ता और भारतीय जागरूकता समिति के अध्यक्ष ललित मिगलानी ने ट्रैफिक नियमों पर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। वे नियमित रूप से समाज के विभिन्न वर्गों में जाकर ट्रैफिक, साइबर सुरक्षा और नशे के दुष्प्रभावों पर जागरूकता फैलाते हैं। उन्होंने बताया कि कुछ महत्वपूर्ण ट्रैफिक नियमों का पालन सभी को करना चाहिए:
1. शराब पीकर गाड़ी न चलाएं: नशे में ड्राइविंग से होने वाली दुर्घटनाओं में रोजाना लगभग 19 लोगों की मौत होती है। वर्तमान कानून के तहत खून में अल्कोहल की सीमा 0.03% से अधिक नहीं होनी चाहिए। उल्लंघन करने पर 2,000 से 10,000 रुपये तक जुर्माना और 7 महीने से 4 साल तक की सजा हो सकती है।
2. वैध इंश्योरेंस पॉलिसी रखें: मोटर वाहन अधिनियम 1988 के अनुसार, सभी वाहनों के पास वैध थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस होना अनिवार्य है। इसके बिना वाहन चलाने पर 2,000 से 4,000 रुपये तक जुर्माना हो सकता है।
3. सीट बेल्ट और हेलमेट का अनिवार्य उपयोग: वाहन चलाते समय सीट बेल्ट पहनना और टू-व्हीलर पर हेलमेट लगाना आवश्यक है। नियम तोड़ने पर क्रमशः 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है।
4. मोबाइल फोन का उपयोग न करें: वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का उपयोग केवल नेविगेशन के लिए किया जा सकता है। अन्यथा, 5,000 रुपये का जुर्माना और एक साल की जेल हो सकती है।
5. गति सीमा का पालन करें: 2018 में तेज गति के कारण 66% सड़क दुर्घटनाएं हुईं। गति सीमा का उल्लंघन करने पर 1,000 से 2,000 रुपये तक जुर्माना हो सकता है।
6. लाल बत्ती पार न करें: लाल बत्ती पार करने पर 5,000 रुपये का जुर्माना और एक साल की जेल हो सकती है।
7. नो एंट्री क्षेत्र का पालन करें: नो एंट्री क्षेत्र में वाहन ले जाना खतरनाक हो सकता है। इससे टकराव और दुर्घटनाएं हो सकती हैं।
अधिवक्ता ललित मिगलानी ने अपील की कि सड़क पर सुरक्षित रहने के लिए इन नियमों का पालन हर व्यक्ति को करना चाहिए। सुरक्षित ड्राइविंग न केवल खुद की सुरक्षा के लिए, बल्कि अन्य लोगों की जान बचाने के लिए भी महत्वपूर्ण है। “दुर्घटना से देर भली”—यह पुरानी कहावत सभी को याद रखनी चाहिए।