रुद्रपुर। सामिया लेक सिटी का विवादों से नाता खत्म नहीं हो रहा है। एक व्यक्ति ने साढ़े 16 साल पहले प्लाट का भुगतान करने के बावजूद कब्जा नहीं देने का आरोप लगाया है। एसएसपी के आदेश पर पुलिस ने सामिया बिल्डर्स के प्रबंध निदेशक के खिलाफ केस दर्ज किया है।
नई दिल्ली निवासी युवक ने एसएसपी को दिए शिकायती पत्र में कहा था कि वर्ष 2006 में सामिया इंटरनेशनल बिल्डर्स के प्रबंध निदेशक जमील अहमद खान ने उनको व पत्नी से संपर्क कर सामिया लेक सिटी के रूप में विकसित परियोजना की जानकारी दी थी।
उन्होंने 15 जुलाई 2006 को 200 वर्ग गज के दो प्लॉट खुद व पत्नी के नाम पर लेक सिटी में बुक किए थे। दोनों प्लाटों के लिए 5,76,000 का भुगतान किया था। इसके बाद 30 जुलाई 2007 को 5,76,000 रुपये का फिर से भुगतान किया था।
परियोजना में देरी और भूखंडों के सीमांकन के बावजूद सामिया बिल्डर्स ने भुगतान की मांग की थी। इसके बाद बिल्डर ने दोनों बुकिंग को मिलाकर एक मानने की पेशकश की और उन्होंने स्वीकार कर दिया। उनको परियोजना के साइट मानचित्र में अंतिम प्लाट नंबर डी-195 के रूप में दिखाया गया था और उनको प्लाट नंबर डी-194 आवंटित किया गया था।
11 जुलाई 2015 का अदेयता प्रमाणपत्र दिया गया था। इसी साल उन्होंने स्वीकृत नक्शा देखा तो उसका अंतिम प्लॉट नंबर 193 था। नक्शे में डी 194 का कोई प्लॉट नंबर नहीं था। उन्होंने जो भूखंड पंजीकृत किया, उसका अस्तित्व नक्शे में नहीं है।
कहा कि उन्होंने बीते जनवरी में लेक सिटी में आकर प्रोजेक्ट मैनेजर असीम से बात कर नक्शा गलत होने और उनका प्लाट होने की जानकारी दी। इस पर अप्रैल 2024 तक प्लॉट का स्पष्ट रूप से सीमांकन कर उन्हें सौंपने का आश्वासन दिया गया लेकिन प्लाट अब तक नहीं दिया गया। पुलिस ने केस दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है।