मीडिया ग्रुप, 05 अक्टूबर, 2021
बाजपुर। उच्च न्यायालय से एडिशनल कोर्ट की स्थापना को मिले निर्देश पर यहां भूमि की तलाश का काम तेज हो गया है। न्यायालय संचालन के लिए भवन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जिला न्यायाधीश प्रेम सिंह खिमवाल व डीएलएसए के सचिव अविनाश श्रीवास्तव ने मंगलवार को तीन जगह भूमि का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान बाजपुर बार एसोसिएशन से जुड़े अधिवक्ताओं ने उनका स्वागत किया। साथ ही अपनी समस्याओं को भी रखा।
बार कार्यालय में आयोजित स्वागत समारोह में जिला जज प्रेम सिंह खिमवाल ने कहा कि बाजपुर में पहले ज्यूडिशियल न्यायालय की स्थापना हुई थी, अब एडिशनल कोर्ट के लिए न्यायाधीश की नियुक्ति हुई है।
प्रक्रिया चल रही है, जल्द यहां फैमिली कोर्ट भी मिल सकता है। भविष्य में लेबर कोर्ट आदि की स्थापना भी संभावित है। ऐसे में उनकी मंशा है कि भूमि की उपलब्धता ऐसी हो, जिससे भविष्य में और भी न्यायालयों की स्थापना पर एक ही कैंपस में यह हो जाए।
अभी ज्यूडिशियल न्यायालय भी अस्थायी व्यवस्था के तौर पर एसडीएम कोर्ट के भवन में चल रहा है। एडिशनल कोर्ट आएगी तो उनके बैठने के लिए भी जगह चाहिए। इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में धन की कमी आड़े नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का भी मानना है कि अधिक से अधिक अदालतें बनें और जनता को सुलभ व सस्ता न्याय मिले।
उन्होंने एसडीएम कोर्ट के साथ ही ग्राम पंचायत चकरपुर व दियोहरी के अंतर्गत खाली पड़ी सरकारी भूमि का स्थलीय निरीक्षण किया। पूरी रिपोर्ट तैयार कर उच्च न्यायालय भेजी जाएगी।
इस मौके पर सिविल जज जूनियर डिविजन साहिस्ता बानो, वरिष्ठ अधिवक्ता सोहन लाल गोयल, सुरेंद्र शर्मा, बाजपुर बार अध्यक्ष शिवराज सिंह राणा, कुलवंत सिंह उप्पल, विजय गर्ग, सूरज शर्मा, हीरा शर्मा, फिरोज आलम, मनीष सिघल, योगेश पाठक, जरनैल सिंह, नीरज जौहरी आदि मौजूद थे।