उत्तराखंड: भाजपा में कलह के आसार, चुनाव से पहले बड़े दल बदल के संकेत, सीएम पहुंचे अचानक मंत्री के आवास।
मीडिया ग्रुप, 26 सितंबर, 2021
उत्तराखंड में अगले वर्ष 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं लेकिन इसकी सियासी हलचल अभी से शुरु हो गई है। पिछली बार कांग्रेस सरकार से कुछ विधायकों द्वारा दल बदल कर भाजपा में जाने के बाद से ही यह चर्चाएं है कि कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए इन विधायकों की कांग्रेस में वापसी हो सकती है। अब यह चर्चा चुनाव नजदीक आते ही जोर पकड़ रही है। साथ ही नेताओं के बयानों के बड़े-बड़े मायने निकाले जा रहे हैं। इन बयानों को भाजपा के उन विधायकों से जोड़कर देखा जा रहा है जिन्होंने कांग्रेस को छोड़कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी।
चर्चा है कि मंत्री यशपाल आर्य भाजपा के भीतर सहज नहीं हैं। कांग्रेस के हलकों से भी ऐसी सूचनाएं आ रही हैं कि आर्य घर वापसी कर सकते हैं। शुक्रवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने भी संकेत दिए थे कि भाजपा के कई नेता कांग्रेस के संपर्क में हैं और 15 अक्तूबर के बाद सत्तारूढ़ पार्टी को पता चल जाएगा।
उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और उनके विधायक बेटे संजीव आर्य के कांग्रेस में घरवापसी की अटकलों के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार को अचानक आर्य के यमुना कालोनी स्थित सरकारी आवास पर पहुंचे।
नाश्ते की टेबल पर करीब 35 से 40 मिनट की गुफ्तगू के बाद दोनों नेताओं ने बाहर निकलकर आर्य की नाराजगी की चर्चाओं को सिरे से खारिज किया। जब आर्य से पूछा गया कि आप नाराज हैं, तो उन्होंने हैरानी जताई कि अच्छा मुझे जानकारी नहीं है कि मैं नाराज हूं। बिना किसी कार्यक्रम और फ्लीट के अचानक आर्य के घर मुख्यमंत्री के पहुंचने और उनसे लंबी मंत्रणा करने के सियासी मायने टटोले जा रहे हैं।
सियासी जानकार इसे सीएम की ब्रेक फास्ट डिप्लोमेसी बता रहे हैं। चर्चा है कि आर्य भाजपा के भीतर सहज नहीं हैं। कांग्रेस के हलकों से भी ऐसी सूचनाएं आ रही हैं कि आर्य घर वापसी कर सकते हैं।
शुक्रवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने भी संकेत दिए थे कि भाजपा के कई नेता कांग्रेस के संपर्क में हैं और 15 अक्तूबर के बाद सत्तारूढ़ पार्टी को पता चल जाएगा। इस बीच अचानक मुख्यमंत्री के आर्य घर जाने को मान मनोव्वल की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है।
नाराजगी से जुड़े प्रश्न पर कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने कहा कि मुझे तो जानकारी नहीं है कि मैं नाराज हूं। मैं नाराज क्यों होने लगा। मेरा ऐसा कोई बयान भी नहीं आया। मैं पार्टी का कार्यकर्ता हूं। जो भी जिम्मेदारी दी जाती है उसका निर्वहन करता हूं। ऐसा कुछ भी नहीं है। नाराजगी का प्रश्न नहीं होता। मैं जहां पर हूं ईमानदारी, निष्ठा व समर्पण भाव से काम कर रहा हूं। आगे भी जो जिम्मेदारी दी जाएगी, मैं निभाऊंगा।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के दलित चेहरे को मुख्यमंत्री देखने के प्रश्न पर कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने कहा कि रावत बड़े नेता हैं, वह छोटे से कार्यकर्ता हैं। दलित को सीएम बनाने की बात उन्होंने किस संदर्भ में कही, वह नहीं जानते। उनकी बातों का क्या अर्थ है और क्या मायने हैं। उनकी एक बात के कई मायने होते हैं।
ऐसी चर्चाएं हैं कि आर्य कांग्रेस में जा सकते हैं, इस प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। आपने उनके बयान देखे होंगे। जिस खटीमा सीट से वह विधायक हैं, उस पर आर्य 30 साल पहले विधायक थे। हमारी सरकार पूरे प्रदेश के लिए काम कर रही है।