उत्तराखंड : विजिलेंस जांच के बाद भूमि घोटाले में तत्कालीन एसडीएम सहित राजस्व विभाग के चार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश।
मीडिया ग्रुप, 15 अक्टूबर, 2021
ऋषिकेश में सरकारी भूमि के फर्जीवाड़े और समाज कल्याण विभाग की योजनाओं में घपले के आरोप में ऋषिकेश के तत्कालीन एसडीएम सहित राजस्व विभाग के चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा।मामला 2006 से 2008 के बीच का बताया जा रहा है। शासन ने इस संबंध में राजस्व सचिव को पत्र लिखकर कार्रवाई करने को कहा है।
पत्र में कहा गया है कि तत्कालीन एसडीएम (2001 में तैनात), लेखपाल, कानूनगो एवं तहसीलदार ने शासनादेश व ग्राम पंचायत भूमि प्रबंधन समिति के नियमों का पालन किए बिना समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक नंद किशोर शर्मा के साथ साठंगांठ कर भूमि आवंटित की। इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विभाग को इससे अवगत कराया जाए।
शासन ने भूमि फर्जीवाड़े के मामले में राजस्व सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि विजिलेंस ने जांच कर 30 जुलाई 2021 को प्रमुख सचिव समाज कल्याण को रिपोर्ट उपलब्ध कराई है। जिसमें सहायक समाज कल्याण निदेशक के खिलाफ कार्रवाई समाज कल्याण विभाग की ओर से की जा रही है।
विजिलेंस जांच के मुताबिक तत्कालीन एसडीएम ऋषिकेेश, लेखपाल, कानूनगो एवं ऋषिकेश के तहसीलदार ने शासनादेश एवं ग्राम पंचायत भूमि प्रबंधन समिति के नियमों का पालन न कर एनके शर्मा के साथ नियम विरुद्ध भूमि आवंटित की। भूमि आवंटन में उस दौरान ऋषिकेश तहसील में तैनात विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करते हुए की गई कार्रवाई से विभाग को अवगत कराया जाए।
सहायक निदेशक समाज कल्याण विभाग के एन के शर्मा विभाग ने आरोप को गलत व निराधार बताते कहा कि जिस जमीन की बात की जा रही है वो जमीन ट्रस्ट के नाम पर है। मेरी पत्नी इस ट्रस्ट को चला रही थी। उसे ऋषिकेश के डांडी में 2001 में यह जमीन आवंटित की गई थी। इस जमीन पर शहीद स्मारक बना है। आरोप निराधार है।