सुप्रीम कोर्ट से हल्द्वानी के हजारों परिवारों को बड़ी राहत, उजड़ने से बचे।

मीडिया ग्रुप, 05 जनवरी, 2023

हल्द्वानी के बनभूलपुरा में 4000 से ज्यादा घरों पर चलने वाले बुलडोजर पर सुप्रीम रोक लग गई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में उत्तराखंड सरकार और रेलवे को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई सात फरवरी को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने सात दिन के अंदर अतिक्रमण हटाने के आदेश पर भी सवाल उठाया। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में मानवीय पहलू को भी ध्यान में रखना होगा। कोर्ट के आदेश के साथ करीब 50 हजार से ज्यादा लोगों को फौरी राहत मिल गई है।

सुप्रीम कोर्ट ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने के हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी। मामले की सुनवाई के लिए 7 फरवरी की तारीख तय की गई। कोर्ट ने बहस के दौरान कहा कि यह एक मानवीय मामला है। इस मामले में कुछ व्यावहारिक समाधान खोजने की जरूरत है।

हल्द्वानी के जिस इलाके में अतिक्रमण बताया जा रहा है। वह करीब 2.19 किमी लंबी रेलवे लाइन का क्षेत्र है। रेल अधिकारियों का कहना है कि रेल लाइन से 400 फीट से लेकर 820 फीट चौड़ाई तक अतिक्रमण है। रेलवे करीब 78 एकड़ जमीन पर कब्जे का दावा कर रहा है।

अतिक्रमित जमीन पर पांच सरकारी स्कूल, 11 प्राइवेट स्कूल, मंदिर, मस्जिद, मदरसे और पानी की टंकी के साथ ही सरकारी स्वास्थ्य केंद्र भी शामिल है। जिन इलाकों में बुलडोजर चलना है उनमें ढोलक बस्ती, गफूर बस्ती, लाइन नंबर 17, नई बस्ती, इंद्रानगर छोटी रोड, इंद्रानगर बड़ी रोड शामिल हैं।

बनभूलपुरा के पांच सरकारी स्कूल आ रहे हैं। इनमें जीजीआईसी, जीआईसी, प्राथमिक, उच्च प्राथमिक विद्यालय बनभूलपुरा और प्राथमिक विद्यालय इंदिरानगर शामिल हैं। इन स्कूलों में दो हजार से अधिक बच्चे पढ़ रहे हैं। ईओ हरेंद्र मिश्रा की ओर से इसमें एक पत्र जारी किया है। इसमें कहा गया है कि इन स्कूलों की वैकल्पिक व्यवस्था नजदीकी स्कूलों में की गई है।

जीजीआईसी बनभूलपुरा को जीजीआईसी हल्द्वानी, जीआईसी बनभूलपुरा को महात्मा गांधी इंटर कॉलेज, प्राथमिक विद्यालय इंदिरानगर को गांधीनगर, प्राथमिक विद्यालय बनभूलपुरा को बरेली रोड, उच्च प्राथमिक विद्यालय बनभूलपुरा को गांधी नगर में संचालित किया जाएगा।