शिक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता – राहुल चिलाना 

मीडिया ग्रुप, 26 अगस्त, 2022

वर्तमान भारतीय शिक्षा प्रणाली लंबे समय से निम्न गुणवत्ता वाली शिक्षा व्यवस्था बन कर रह गई है।

किसी भी देश की प्रगति के लिए सबसे महत्वपूर्ण सहयोगी साधनों में से एक है वहां की सभ्यता, संस्कृति और शिक्षा पद्धति है। सभी भारतीय नागरिकों के हितों के लिए सरकार को इस मुद्दे के समाधान के लिए निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए।

किसी भी अच्छी चीज को सीखने की और उसका ज्ञानार्जन करने की प्रक्रिया को शिक्षा कहते है। शिक्षा ग्रहण करना हमारे लिए बहुत जरूरी है, शिक्षा का अधिकार मनुष्य का मूलभूत अधिकार है और देश के लोगों को शिक्षित करना सरकार का कर्तव्य है। शिक्षा मनुष्य जीवन के सफलता की एक शानदार कुंजी है।

अच्छी शिक्षा हमें नैतिकता और सदाचार सिखाती है। अमेरिका में की गई एक रिपोर्ट से पता चला कि, किसी भी मनुष्य की आर्थिक और सामाजिक स्थिति ज़्यादातर उसकी शिक्षा पर निर्भर करती है।

इसलिए जिस देश में ज्यादा शिक्षित भारतीय शिक्षा प्रणाली लंबे समय से दुर्गमता और निम्न गुणवत्ता वाली शिक्षा का सामना कर रही है,किसी देश की प्रगति के लिए सबसे महत्वपूर्ण साधनों में से एक शिक्षा है। सभी भारतीय नागरिकों के हित के लिए सरकार को इस मुद्दे के समाधान के लिए निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए।

किसी भी चीज़ को सीखने की और उसका ज्ञान प्राप्त करने की प्रक्रिया को शिक्षा कहते है। शिक्षा लेना हमारे लिए बहुत जरूरी है, क्योंकि शिक्षा मनुष्य के सफल होने की एक शानदार कुंजी है।

शिक्षा हमें नैतिकता और सदाचार सिखाती है। अमेरिका में की गई एक रिपोर्ट से पता चला कि, किसी भी मनुष्य की आर्थिक और सामाजिक स्थिति ज्यादातर उसकी शिक्षा पर निर्भर करती है।

इसलिए जिस देश में ज्यादा शिक्षित लोग होते है, उस देश की अर्थव्यवस्था भी काफी मजबूत होती है। इसके साथ-साथ उस देश की शिक्षा प्रणाली भी अच्छी होनी चाहिए, तभी वह देश हर तरह से शक्तिशाली बनता है।

लेकिन आज एक आम आदमी और निम्न स्तर का आदमी अपना सब कुछ दांव पर लगा कर अच्छी शिक्षा के लिए अपने बच्चो को पढ़ा रहा है पर वर्तमान समय में शिक्षा को बिजनेस बना लिया गया है और बच्चों को कोई उचित ज्ञान एवं सामाजिक संस्कार नहीं मिल रहे है।