आदिवासी संघर्षशील महिला द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्रपति निर्वाचित होना संविधान की शक्ति- ललित मिगलानी।

मीडिया ग्रुप, 23 जुलाई, 2022

रूद्रपुर। भाजपा जिला मीडिया प्रभारी एवं पूर्व पार्षद ललित मिगलानी ने आदिवासी संघर्षशील महिला द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर हर्ष व्यक्त करते हुए बधाई दी है।

जिला मीडिया प्रभारी मिगलानी ने जारी बयान में कहा कि भारत के इतिहास में पहली बार एक आदिवासी महिला को देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचाकर केन्द्र की भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नया इतिहास रचा है।

यह देश के लिए एक क्रांतिकारी परिवर्तन है। द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति बनने से न सिर्फ दबे कुचले 11 करोड़ आदिवासी समाज को सम्मान मिला है बल्कि मातृ शक्ति को भी भाजपा ने एक बार फिर सम्मान दिया है।

श्री मिलगानी ने कहा कि द्रौपदी मुर्मू जैसी साधारण महिला को सर्वोच्च पद तक पहुंचाने काम भाजपा सरकार में ही संभव है। द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति निर्वाचित होने से आदिवासी और जनजाति समाज को आज यथार्थ का अनुभव हुआ है कि उनके बीच की बेटी भी भारत के सर्वाेच्च संवैधानिक पद तक पहुंच सकती है।

यह भारत के संविधान की ही शक्ति है। देश में जब स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के मौके पर ‘अमृत महोत्सव’ का माहौल है, तब एक ‘आदिशत्तिफ’ राष्ट्रपति चुनी गई हैं।

श्री मिगलानी ने कहा कि एक पार्षद से राजनीतिक करियर शुरू करने वाली द्रौपदी मुर्मू ने विधायक और ओडिशा सरकार में मंत्री रहते हुए बखूबी अपनी जिम्मेवारियों का निर्वहन किया। झारखंड के राज्यपाल पद पर रहकर भी उन्होंने हमेशा सादगी के साथ जनता की भलाई के लिए काम किया।

उन्होंने कहा कि वह तब राष्ट्रीय सुर्खियों में सामने आईं थी जब भाजपा की ही रघुवर दास सरकार द्वारा पारित दो बिलों पर उन्होंने हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया था और बिलों को लौटा दिया। उन बिलों से आदिवासियों में अलगाव की भावना पैदा होने का भय था। उनके इस फैसले से जाहिर होता है कि वह एक निष्पक्ष और कड़क संवैधानिक शख्सियत हैं।

वर्तमान में देश को उनके जैसे नेतृत्व की ही आवश्यकता है। श्री मिगलानी ने कहा कि द्रौपदी मुर्मू अपनी नई भूमिका में संविधान की संरक्षक साबित होंगी। पूरे देश को उन पर विश्वास है।