मीडिया ग्रुप, 29 अक्टूबर, 2021
रुद्रपुर। मेट्रोपोलिस सिटी में मेंटिनेंस के नाम पर निवासियों से अवैध रूप से वसूले गए करोड़ों रुपयों की धनराशि को वापस किए जाने के मामले में देहरादून के उत्तराखंड रेरा ट्रिब्युनल ने निवासियों के हक में फैसला सुनाया है। इस फैसेले में ट्रिब्युनल ने अपने उस पूर्व के निर्णय को वापस ले लिया, जिसमें उसने बिल्डर कंपनी और काॅलोनी का रखरखाव देख रही मेट्रोपोलिस रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (एमआरडब्लूए) के बीच हुए समझौते पर मोहर लगाई थी।
निर्णय में ट्रिब्युनल ने बिल्डर और एमआरडब्लूए द्वारा तथ्यों को छुपाकर समझौता करने की बात रखते हुए अपने पूर्व के आदेश को निरस्त कर दिया। इससे मेंटिनेंस के नाम पर निवासियों से अवैध रूप से वसूले गए करोड़ों रुपयों की धनराशि को वापस निवासियों को लौटाए जाने का रास्ता साफ हो गया है।
बता दें करीब 15 वर्ष पूर्व एसोटेक सुपरटेक जाॅइंट वेंचर ने पंतनगर विवि द्वारा सिडकुल को दी गई भूमि पर मेट्रोपोलिस सिटी काॅलोनी का निर्माण किया था। इसमें तकरीबन 1500 परिवार रहते हैं। बिल्डर कंपनी ने निवासियों के भवनों एवं काॅलोनी के सार्वजनिक स्थलों पर रखरखाव के लिए काॅलोनी में ही एक फेसिलिटी मेनेजमेंट कार्यालय भी स्थापित किया है।
काॅलोनी निवासी राजीव भटनागर, प्रवीण कोठारी एवं अन्य के मुताबिक पहले मेंटिनेंस इकाई का पूरा प्रबंधन बिल्डर कंपनी के अधीन ही था। करीब 2 वर्ष पूर्व निवासियों की यूनियन एमआरडब्लूए ने रेरा कोर्ट में बिल्डर कंपनी के विरुद्ध कुछ शिकायतों को लेकर बिल्डर कंपनी एवं एमआरडब्लूए के विरुद्ध एक वाद दायर किया था। एमआरडब्लू के पक्ष में फैसला आने पर बिल्डर कंपनी ने ट्रिब्युनल में अपील की थी। इस अपील पर सुनवाई के दौरान बिल्डर कंपनी और एमआरडब्लूए ने आपस में समझौता कर लिया, जिसके अनुसार बिल्डर कंपनी ने मेंटिनेंस एमआरडब्लूए को सौंप दिया।
राजीव भटनागर के मुताबिक बिल्डर कंपनी को अभी तक सिडकुल द्वारा कार्य पूर्णता और आॅक्यूपेंसी का प्रमाण पत्र नहीं दिया गया है। इस आधार पर बिल्डर कपंनी को भी मेंटिनेंस की धनराशि वसूलने का अधिकार नहीं था, लेकिन उसने भी निवासियों से मेंटिनेंस के रूप में करोड़ों रुपये की अवैध वसूली की।
इधर एमआरडब्लूए ने भी मिलीभगत करते हुए बिल्डर को करोड़ों रुपये का फायदा पहुंचाने के लिए समझौते के समय इंटेरेस्ट फ्री मेंटिनेंस सिक्योरिटी (आइएफएमएस) की तकरीबन 10 करोड़ रुपए एवं मेंटिनेंस के नाम पर वसूली गई धनराशि की वापसी तथा ग्रीन बेल्ट के अतिक्रमण एवं रखरखाव संबंधी अधूरे कार्यों को पूरा कराए बिना ही मेंटिनेंस अपने नाम पर हस्तांतरित कर लिया और इस रूप में निवासियों के अधिकारों और हितों की अनदेखी कर उन्हें करोड़ों रुपये का नुकसान और बिल्डर कंपनी को लाभ पहुंचाया।
इस संबंध में काॅलोनी के कुछ जागरुक निवासियों के बीच विचार विमर्श होने के बाद राजीव भटनागर ने बिल्डर कंपनी और एमआरडब्लूए पर मिलीभगत कर समझौता करने एवं निवासियों के अधिकारों का हनन करने का आरोप लगाते हुए उत्तराखंड रेेरा ट्रिब्युनल में कुछ माह पूर्व रिव्यू पेटिशन दायर की थी।
इस वाद में ट्रिब्युनल ने राजीव भटनागर एवं निवासियों के हक में फैसला सुनाते हुए इस प्रकरण में अपने बिल्डर कंपनी एवं एमआरडब्लूए पर तथ्यों को छुपाने का हवाला देते हुए अपने पूर्व में दिए गए आदेश तथा बिल्डर कंपनी एवं एमआरडब्लूए के बीच पूर्व में हुए समझौते को निरस्त कर दिया।
राजीव भटनागर ने बताया कि ट्रिब्युनल के फैसले के बाद निवासियों के हक में आइएफएमएस की तकरीबन 10 करोड़ रुपए एवं मेंटिनेंस के नाम पर अवैध रूप से वसूली गई धनराशि की वापसी तथा ग्रीन बेल्ट का अतिक्रमण हटाए जाने एवं बिल्डर कंपनी से रखरखाव संबंधी अधूरे कार्यों को पूरा कराए जाने का रास्ता साफ हो गया है। आदेश को लेकर निवासियों में हर्ष का माहौल है।