मीडिया ग्रुप, 06 नवंबर, 2021
उत्तराखंड के तीन मैदानी जिलों में डेंगू का ज्यादा असर रहा है। कोरोना संक्रमण से थोड़ी राहत मिलने के बाद डेंगू के बढ़ते मामलों ने मुश्किल बढ़ाई है। अब तक प्रदेश में सात सौ से अधिक लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है। जिसमें दो की मौत हो चुकी है।
कोरोना की दूसरी लहर के बाद संक्रमण का प्रकोप थमा हुआ है। लेकिन डेंगू का खतरा बढ़ा है। प्रदेश के मैदानी जिले हरिद्वार, देहरादून व ऊधमसिंह नगर जिले में डेंगू के मामले सामने आए हैं। हालांकि सरकार की ओर से इस समय अप्रैल महीने में डेंगू की रोकथाम व बचाव के लिए सभी जिलों को दिशानिर्देश जारी किए गए थे।
मैदानी जिलों में डेंगू का प्रकोप बढ़ रहा है। पंचायतों, निकायों को साफ सफाई के साथ ही फागिंग करने के लिए अभियान चलाने को कहा गया था। स्वास्थ्य विभाग को सभी अस्पतालों में डेंगू मरीजों के लिए अलग वार्ड, एलाइजा जांच और प्लेटलेट्स की व्यवस्था के निर्देश दिए गए थे। सरकार के तमाम इंतजामों और जागरूकता के बावजूद मैदानी जिलों में डेंगू का प्रकोप दिखाई दिया।
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक सबसे अधिक डेंगू के मामले हरिद्वार जिले में आए हैं। दूसरे स्थान पर देहरादून और और तीसरे स्थान पर ऊधमसिंह नगर जिला रहा। हरिद्वार जिले में दो डेंगू मरीजों की मौत हुई है। हालांकि गत वर्ष डेंगू का असर कम रहा था।
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. तृप्ति बहुगुणा का कहना है कि डेंगू की रोकथाम व बचाव को लेकर जिला स्तर पर सभी व्यवस्था की गई है। दवाईयों की कोई कमी नहीं है। डेंगू प्रभावित इलाकों में नियमित रूप से निगरानी की जा रही है। देहरादून में 126, हरिद्वार में 50 व ऊधमसिंह नगर में 24 मामलों की पुष्टि हुई है।