रुद्रपुर : फर्जी जीएसटी चालान बनाकर की 11.61 लाख की धोखाधड़ी

रुद्रपुर। एक फर्म में अकाउंटिग का कार्या करने वाले व्यक्ति ने फर्जी चानाल बनाकर फर्म से 11.61 लाख की धोखाधड़ी कर ली। मामले की रिपोर्ट दर्ज करा दी गई है। दर्ज रिपोर्ट में रोहित ने कहा है कि वह मै0 माया इण्टरप्राइजेज तथा उसके पिता रमेश फर्म आरके इण्डस्ट्रीज के स्वामी हैं। दोनों ने माह फरवरी 2019 में अपनी-अपनी फर्मों का जीएसटी एंव अकाउटिंग का सारा कार्य हर्षित निवासी गदरपुर को दिया था। जिसमें हर्षित का कार्य जीएसटी पोर्टल पर सेल, पर्चेस अंकित कर उसके आधार पर जीएसटी चालान बनाकर दोनों फर्मों का जीएसटी टैक्स जमा कराना था।

इस कार्य का तय मेहनताना 5 हजार रूपये प्रति फर्म प्रति माह दोनों फर्मों से चेक द्वारा हर्षित गुम्बर को अदा किया गया है। हर्षित से अच्छी मित्रता एंव विश्वास होने के कारण उसने अपना जीएसटी पोर्टल और न ही अपने पिता का जीएसटी पोर्टल चेक किया।

इसी विश्वास का फायदा उठाकर हर्षित ने धोखा धड़ी की मंशा से जीएसटी पोर्टल पर अपना मोबाइल नम्बर एंव अपनी ई-मेल आईडी रजिस्टर्ड करा ली। जिससे भविष्य में टैक्स सम्बन्धित कोई भी जानकारी मुझे व मेरे पिता का न मिल सके।

कुछ समय तक जब उसे और उसके पिता को कोई जानकारी प्राप्त नहीं हुई तो अपना-अपना जीएसटी पोर्टल चेक कराया और सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत सूचना प्राप्त करने हेतु एक प्रार्थना पत्र वाणिज्य कर विभाग के समक्ष प्रस्तुत किया। जिसमें ज्ञात हुआ कि जो सूचना मांगी गयी वह जीएसटी पोर्टल पर उपलब्ध नहीं है। पोर्टल चेक कराने पर यह पाया गया कि दोनों फर्माे के जीएसटी चालान जो हर्षित द्वारा बनाकर दिए गए थे जिसमें माया इण्टरप्राइजेज में रूपये आठ लाख सतासी हजार दो सौ ब्यानवे एंव पिता की फर्म में रूपये दो लाख तिहत्तर हजार आठ सौ पचास है जिन जीएसटी चालानों का भुगतान उसने व उसके पिता द्वारा अपने-अपने बैंक खातों से चेक द्वारा किया गया है।

यह पैसा उसके व उसके पिता द्वारा फर्म के जीएसटी एंव अकाउंटिंग का कार्य देखने वाले हर्षित द्वारा बनाये गये जीएसटी चालान के अवन में अपने खातो से भुगतान किए गए हैं। इसमें से कुछ जीएसटी चालानों पर हर्षित द्वारा अपनी हस्तलिपि द्वारा लिखा गया है। आरोप है हर्षित द्वारा उसके व उसके पिता के साथ धोखाधड़ी कर लाभ कमाने की नियत से फर्जी तरीके से जीएसटी चालान बनाकररूपये ग्यारह लाख इकसठ हजार एक सौ ब्यासी मात्र गबन कर लिये गये है।

रिपोर्ट में रोहित ने रूपये ग्यारह लाख इकसठ हजार एक सौ ब्यासी मात्र के अतिरिक्त देय तिथि तक ब्याज सहित तथा मानसिक उत्पीड़न करने हेतु 5 लाख एंव विधिक कार्य में व्यय रूपयों की अदायगी कराने की मांग की है।