मीडिया ग्रुप, 01 दिसंबर, 2021
देहरादून। उत्तराखंड में चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को लेकर भाजपा सरकार ने बड़ा एक्शन ले लिया है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने देवस्थानम बोर्ड एक्ट को वापिस लेने का ऐलान कर दिया है। जिसके बाद तीर्थ पुरोहितों में खुशी की लहर छा गई है।
आगामी विधानसभा चुनाव से पूर्व देश में जहां तीनों कृषि कानून वापिस लेने का ऐलान कर दिया वहीं अब उत्तराखंड में भाजपा सरकार बैकफुट पर आ गई है।
उत्तराखंड में भी भाजपा सरकार ने पूर्ववर्ती त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में विवादास्पद देवस्थाम बोर्ड एक्ट लागू करने के खिलाफ पिछले दो वर्ष से तीर्थ पुरोहितों का आंदोलन जारी था। वहीं विपक्षी दलों के साथ ही सत्ता पक्ष के कुछ विधायक भी पुरजोर विरोध कर रहे थे।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशक ने मीडिया पत्रकारों से वार्ता करते हुए बताया कि सरकार ने तीर्थपुरोहितों के अनुरोध के बाद देवस्थाम बोर्ड को भंग करने का फैसला ले लिया है। बहरहाल सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बड़ा एक्शन ले लिया है। पिछले कई दिनों ने जारी गतिरोध भी समाप्त हो जायेगा।
सीएम धामी ने बयान में कहा हैं कि मनोहर कांत ध्यानी जी ने एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाई थी। उस कमेटी ने भी अपनी रिपोर्ट दी है। जिस पर हमने विचार करते हुए निर्णय लिया है कि हम इस अधिनियम को वापस ले रहे हैं। आगे चल कर हम सभी से बात करते जो भी उत्तराखंड राज्य के हित में होगा उस पर कार्रवाई करेंगे।
देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम और बोर्ड को लेकर तीर्थ पुरोहितों के विरोध के मद्देनजर उनकी शंकाओं के समाधान के लिए सरकार ने राज्य सभा के पूर्व सदस्य मनोहरकांत ध्यानी की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति गठित की थी। बीते रोज समिति ने अपनी अंतिम रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी।
मुख्यमंत्री ने समिति की रिपोर्ट का अध्ययन करने के लिए धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय मंत्रिमंडलीय उपसमिति गठित की। समिति के अन्य सदस्यों में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल व स्वामी यतीश्वरानंद शामिल किए गए। उपसमिति को दो दिन के भीतर संस्तुति सहित परीक्षण रिपोर्ट देने को कहा गया था।
सोमवार को उपसमिति की फिर बैठक हुई, जिसमें उच्च स्तरीय समिति की अध्ययन रिपोर्ट के सभी बिंदुओं पर गहन चर्चा की गई। इसके बाद शाम को कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने मुख्यमंत्री को उपसमिति की परीक्षण रिपोर्ट सौंप दी थी।
भाजपा की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने चारधाम सहित प्रदेश के 51 मंदिरों को शामिल करते हुए नौ दिसंबर, 2019 को उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम विधेयक विधानसभा से पारित कराया था। राजभवन से मंजूरी मिलने के बाद सरकार ने 25 फरवरी, 2020 को इसकी अधिसूचना जारी कर बोर्ड का गठन कर दिया था।
बोर्ड के अध्यक्ष मुख्यमंत्री और धर्मस्व व संस्कृति मंत्री इसके उपाध्यक्ष बनाए गए। गढ़वाल मंडलायुक्त रविनाथ रमन को बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी का पद सौंपा गया। मुख्य सचिव समेत कई नौकरशाह इसके सदस्य बनाए गए।
टिहरी रियासत के राज परिवार का एक सदस्य, हिंदू धर्म मानने वाले तीन सांसद और छह विधायक इसमें बतौर सदस्य नामित करने का प्रविधान किया गया। इसके अतिरिक्त चार दानदाता, हिंदू धर्म के धार्मिक मामलों का अनुभव रखने वाले व्यक्तियों, पुजारी और वंशानुगत पुजारियों के तीन प्रतिनिधियों को भी बोर्ड में जगह दी गई थी।