मीडिया ग्रुप, 22 नवंबर, 2021
पंतनगर। हरित क्रांति की जननी गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय पंतनगर में आज उत्तराखण्ड के माननीय राज्यपाल, रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह का अपरान्ह हवाई अड्डा पर जिलाधिकारी श्रीमती रंजना राजगुरू एवं विश्वविद्यालय के प्रथम आगमन पर तराई भवन में विश्वविद्यालय के कुलपति, डा. तेज प्रताप द्वारा स्वागत किया गया।
कुलपति, डा. तेज प्रताप द्वारा विश्वविद्यालय के सभी अधिष्ठाता, निदेशक एवं प्रशासनिक अधिकारियों का कुलाधिपति जी से परिचय कराया। अपरान्ह में राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना में स्थापित विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक संग्राहालय का शुभारम्भ कर विस्तृत जानकारी प्राप्त की साथ ही राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना में 3डी डाक्यूमेंट्री शो के माध्यम से राज्यपाल ने विश्वविद्यालय में चल रहीं गतिविधियों को जाना।
वह विश्व बैंक परियोजना में लाभ प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों से भी रूबरू हुए। कृषि महाविद्यालय के स्नातक विद्यार्थियों द्वारा लगाये गये अभिनव हाईड्रोपोनिक्स तकनीकों की जानकारी प्राप्त की। तदोउपरान्त विश्वविद्यालय के विभिन्न अनुसंधान केन्द्रों, उद्यान अनुसंधान केन्द्र में महामहिम ने विभिन्न पौधों की जानकारी प्राप्त की साथ ही विभन्न प्रजाति के उच्च पौध पर शोध कर रहे एमएसी एवं पीएचडी के विद्यार्थियों से उनके द्वारा किये जाने वाले शोध कार्यो के बारे में जानकारी एवं उनकी समस्याओं की जानकारी प्राप्त की।
इस दौरान विद्यार्थियों ने धन की उपलब्धता के कारण से शोध कार्यो में आ रही बांधाओं से अवगत कराया। अधिष्ठाता, प्रौद्योगिकी, डा. अशोक अलकनन्दा ने माननीय लेडि गर्वनर का स्वागत किया तथा मधुमक्खी पालन एवं पशुपालन अनुसंधान केन्द्रों का पर चल रहे विभिन्न अनुसंधानों की जानकारी से अवगत कराया।
माननीय राज्यपाल द्वारा पंतनगर विष्वविद्यालय द्वारा विकसित पंत प्रभात अमरूद की प्रजाति का अवलोनक किया। माननीय राज्यपाल द्वारा फसल अनुसंधान केन्द्र में शोध निदेशालय भवन तथा प्रजनक बीज उत्पादन केन्द्र पर बीज विधायन एवं बीज गोदाम का उद्घाटन किया गया।
विश्वविद्यालय के कुलपति एवं संबंधित वैज्ञानिकों द्वारा सब्जी अनुसंधान केन्द्र, प्रजनक बीज उत्पादन केन्द्र, फसल अनुसंधान केन्द्र, मधुमक्खी पालन केन्द्र, मषरूम अनुसंधान केन्द्र में विकसित विभिन्न शोध कार्यों की जानकारी से महामहिम को अवगत कराया गया तथा कुलाधिपति जी ने विश्वविद्यालय में संचालित सभी कार्यकलापों की सराहना की।