दिल्ली में चुप्पी साधे बैठे नेताओं को किसान आंदोलन में 600 किसानों की शहादत पर मेरे बोलने पर एतराज है, तो एक मिनट में इस्तीफा दे दूंगा- राज्यपाल सत्यपाल मालिक।

मीडिया ग्रुप, 08 नवंबर, 2021

मेघालय के राज्‍यपाल सत्‍यपाल मलिक ने किसान आंदोलन का समर्थन किया। वह रविवार को जयपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। सत्‍यपाल मलिक ने कहा कि किसान आंदोलन में लोग मर गए, लेकिन ये (नेता) कुछ नहीं बोले। उन्‍होंने कहा कि मैंने पहले भी कहा था कि मैं किसानों के धरने पर आकर बैठ जाऊंगा।

मेघालय के राज्‍यपाल ने कहा कि किसानों के जो मुद्दे हैं, अगर मैं कुछ बोलूंगा भी तो उस पर विवाद हो जाएगा। बोले- ‘गवर्नर को हटाया नहीं जा सकता है, लेकिन मेरे जो शुभचिंतक हैं जो इस तलाश में रहते हैं कि ये कुछ बोले और हटे।

उन्‍होंने कहा कि मुझे दिल्‍ली में बैठे दो-तीन लोगों ने गवर्नर बनाया है, किसानों के प्रति बोलने पर उन्‍हें दिक्‍कत होगी, मुझे इस बात का अंदाजा है लेकिन अगर वो कहेंगे कि हमें दिक्‍कत है तो मैं एक मिनट भी अपना पद छोड़ने में नहीं लगाऊंगा।

सत्‍यपाल मलिक ने ये भी कहा कि इतना लंबा आंदोलन देश में कभी भी नहीं चला है जिसमें 600 किसान शहीद हो गए हों। कुतिया भी मरती है तो दिल्‍ली के नेताओं का शोक संदेश जाता है लेकिन 600 किसानों का प्रस्‍ताव लोकसभा में पास नहीं हुआ।

इससे पहले भी मेघालय के राज्‍यपाल सत्‍यपाल मलिक किसानों का खुलकर समर्थन कर चुके हैं। वह पूर्व में भी 3 कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध का खुलकर समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि किसान आंदोलन के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से बातचीत की है। साथ ही किसानों की मांगों को मानने की अपील भी की है।

मालिक ने कहा था जो करना है वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को करना है। मैं दोनों से (प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ) कह चुका है कि कुछ करिए नहीं तो नुकसान हो जाएगा। मुझे लगता है कि ब्यूरोक्रेसी में कुछ हैं, जो सरकार को भ्रम में डाल रहे हैं।

वहीं, कुछ महीने पहले उन्होंने ये भी कहा था कि दिल्ली से किसानों को अपमानित करके नहीं भेजा जाना चाहिए। तब सत्‍यपाल मलिक ने ये भी कहा था कि मैं सरदारों को जानता हूं, वे 300 सालों तक बातों को नहीं भूलते हैं।