उधमसिंह नगर। नाबालिग के अपहरण के मामले में 21 वर्षों से फरार 25 हजार के इनामी को पुलिस ने बिहार बॉर्डर से गिरफ्तार कर लिया। खुलासा करते हुए एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने बताया कि 12 मार्च 2003 को विजेंद्र निवासी किच्छा ने किच्छा कोतवाली क्षेत्र में रिपोर्ट देकर कहा था कि उसकी 13 वर्ष की पुत्री रोज की तरह स्कूल गई थी और शाम को घर वापस नहीं लौटी।
खोजबीन करने पर पता चला कि उसकी पुत्री को सुरेंद्र महतो निवासी जिला बिहार बहला फुसलाकर ले गया है। तहरीर के आधार पर मुकदमा पंजीकृत किया गया। विवेचना के दौरान यह तथ्य प्रकाश में आए कि अभियुक्त सुरेंद्र महतो और उसके छोटे भाई द्वारा नाबालिग का अपहरण किया तथा इस पर वर्ष 2004 में अभियुक्त छोटे भाई को गिरफ्तार कर पुलिस द्वारा जेल भेजा गया। तभी से सुरेंद्र महतो लगातार फरार चल रहा था।
14 अक्टूबर 2004 को अभियुक्त सुरेंद्र महतो को माननीय न्यायालय द्वारा मफरूर घोषित किया गया तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने अभियुक्त की गिरफ्तारी पर 500 का नगद इनाम घोषित किया गया था। वर्ष 2004 से लेकर वर्तमान तक जनपद उधम सिंह नगर से कई बार पुलिस टीम अभियुक्त की गिरफ्तारी हेतु बिहार व उत्तर प्रदेश भेजी गई थी किंतु बार-बार अभियुक्त पुलिस गिरफ्तारी से बचकर भागने में सफल हो जा रहा था।
इस बीच आरेापी पर ईनाम की राशि को बढ़ाकर पांच हजार से 25000 किया गया। एसएसपी ने बताया कि गठित की गयी स्पेशल टीम उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में आरेापी को पकड़ने गयी थी तभी टीम को फरार अभियुक्त सुरेंद्र महतो के बारे में सूचना मिली कि वह देवरिया जिले में छिपकर रह रहा है। मूखबिर की सूचना पर त्वरित कार्यवाही करते हुए टीम ने आरोपी को ग्राम चंदौली थाना सुरौली जनपद देवरिया उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ पर आरोपी ने अपने जुर्म की स्वीकारोक्ति करते हुए बताया कि जब मैंने यह अपराध किया था तो उस समय मेरी उम्र 40 साल के लगभग थी। छोटे भाई के कहने पर उससे यह गलती हुई थी। गिरफ्तार करने वाली टीम में वरिष्ठ उप निरीक्षक उमेश कुमार, जगमोहन नेगी, उमेश सिंह आदि शामिल थे।