मीडिया ग्रुप, 05 सितंबर, 2022
लेखक- सिमरप्रीत सिंह, आर्टिकल एडिटर– मीडिया ग्रुप
शिक्षक बेहतर देश का निर्माण करते हैं। उनके योगदान के लिए हर साल 5 सितंबर को ‘शिक्षक दिवस’ मनाया जाता है। हर बच्चे को ये पता होना चाहिए की इस दिन सबसे महान शिक्षक और भारत के दूसरे पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था। छात्रों के लिए शिक्षक सबसे सम्मानजनक होते हैं।
शिक्षक को आमतौर पर भगवान से भी ऊपर का दर्जा दिया गया है। टीचर ही व्यक्ति को पढ़ा-लिखाकर कुछ अच्छा करने के काबिल बनाता है। किताबी ज्ञान से लेकर लाइफ स्किल्स के पाठ, सब एक टीचर ही बच्चे को सिखाता है। व्यक्ति के मां-पिता भी उसके टीचर समान ही हैं, जो उसे जिंदगी जीना सिखाते हैं।
टीचर्स कच्ची मिट्टी जैसे छोटे बच्चों को मजबूत घड़े जैसा युवा बनाते हैं। ऐसे में बच्चों को भी शिक्षकों के योगदान के बारे में बताया जाना चाहिए, जिससे उनमें अच्छी वैल्यू विकसित हो और वे जागरूक बनें।
आज 05 सितंबर 2022 को देश भर में मनाया जा रहा टीचर्स डे पिछले एक दो महीनों में घटित हुई कुछ ऐसी घटनाओं को लेकर इस विषय पर चिंतन की आवश्यकता बता रहा है।
आज से कुछ वर्ष पूर्व या जितना भी प्राचीन हम पढ़ते है तो पाते है कि टीचर्स बच्चों को उनकी गलतियों पर शारीरिक दण्ड देते थे। अक्सर विद्यालयों में टीचर्स द्वारा बच्चों को पिटाई की खबर सुनने को मिलती थी लेकिन समय के साथ साथ इसमें काफी बदलाव हो गया। प्राइवेट स्कूलों में स्टूडेंट्स के साथ मारपीट पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई तो सरकार द्वारा भी विभिन्न कानूनों के द्वारा टीचर्स द्वारा बच्चों के साथ मारपीट पर कार्यवाही का प्राविधान कर दिया गया।
शिक्षा का अधिकार कानून में टीचर्स द्वारा स्टूडेंट्स के साथ मारपीट पर सजा का प्राविधान किया गया। इसके बावजूद भी टीचर्स द्वारा स्टूडेंट के साथ मारपीट की खबरें अक्सर आती रहती हैं। टीचर्स द्वारा स्टूडेंट्स के साथ मारपीट की अक्सर आने वाली खबरों के विपरीत पिछले एक-दो महीनों के अंदर कुछ ऐसी खबरें आई जिनमें स्टूडेंट्स द्वारा टीचर्स के साथ मारपीट की घटनाएं देखने को मिली जो काफी चिंताजनक हैं।
झारखंड में एक अजीब घटना सामने आई है। दुमका के एक गांव में सरकारी स्कूल में छात्रों ने शिक्षक को पेड़ से बांधकर पीटा। छात्रों पर आरोप है कि उन्हें कम अंक देने पर शिक्षक को पेड़ से बांध दिया और कथित तौर पर उनकी पिटाई की।
26 अगस्त को 9वीं क्लास का रिजल्ट जारी हुआ था, जिसमें 9वीं कक्षा के 11 छात्र फेल हो गए थे। इसी वजह से नाराज छात्र ग्रुप बनाकर स्कूल के टीचर और क्लर्क के पास पहुंचे और प्रैक्टिकल में दिए गए कम अंक मिलने पर पेपर दिखाने की जिद की। ऐसा करने से मना करने पर छात्र गुस्से में आए और पेड़ से बांधकर टीचर्स की पिटाई कर दी। छात्रों ने सोशल मीडिया पर इसका वीडियो भी वायरल कर दिया। छात्रों का आरोप है कि टीचर ने जानबूझ कर उन्हें प्रैक्टिकल परीक्षा में कम नंबर दिए, जिसकी वजह से वे फेल हो गए।
इससे पूर्व ऐसी ही एक घटना उत्तर प्रदेश की सामने आई जहां मऊ में तीन छात्रों ने ही अपने टीचर की बेरहमी से पिटाई कर डाली, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। घटना रानीपुर थाना क्षेत्र के खुरहट गांव की बताई गई।
बताया जा रहा है कि शिक्षक ने अनुशासनहीनता के आरोप में कई महीने पहले एक दिन के लिए छात्र को विद्यालय से निष्कासित कर दिया था। इसी बात से नाराज छात्र ने अपने साथियों के साथ मिलकर टीचर के साथ मारपीट की घटना को अंजाम दिया।
जब तीन छात्र मिलकर शिक्षक की पिटाई कर रहे थे, उसी दौरान मौके पर मौजूद किसी व्यक्ति ने वीडियो बनाकर उसे वायरल कर दिया। ऐसी कई घटनाएं पिछले समय में सामने आई है, जहां छात्रों ने कलयुगी छात्रों का परिचय दिया।
वहीं टीचर्स की बात करें तो शिक्षक के रूपमें सेवा देने वाले टीचर्स के कुछ ऐसे रूप सामने आए जिसे समाज द्वारा स्वीकार नही किया जा सकता है। दिल्ली में ट्यूशन टीचर द्वारा दो बच्चियों की बेरहमी से पिटाई करने का मामला सामने आया है। घटना दिल्ली के भलस्वा डेयरी इलाके की है। इस घटना में दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर रिपोर्ट तलब की है।
पीड़ित बच्चियों के पिता ने दिल्ली महिला आयोग को बताया कि उनकी दो बेटियां पड़ोस में ही एक टीचर से ट्यूशन पढ़ती हैं। 31 अगस्त की शाम को जब वो दोनों ट्यूशन से घर वापस आईं तो उन्होंने मुझे बताया कि आज ट्यूशन टीचर ने उनकी बहुत पिटाई है। यह कहकर वो रोने लगी। इस दौरान एक लड़की बेहोश भी हो गई। जब मैंने उनसे फिर पूछा कि आखिर पिटाई क्यों हुई तो उन्होंने बताया कि होमवर्क पूरा नहीं करने को लेकर हमे बेरहमी से पीटा गया है। बच्चियों ने बताया कि टीचर ने उन्हें एक कमरे में बंद करके प्लास्टिक की पाइप से बुरी तरह से पिटा है।
एक घटना राजस्थान के जालौर में सामने आई जहां शिक्षक की पिटाई से एक छात्र की मौत का मामला सामने आया। यह मामला पूरी तरह से थमा भी नहीं था कि यूपी से एक स्टूडेंट की मौत की खबर सामने आई है। जी हां, उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले से एक टीचर का बेरहम चेहरा सामने आया है। श्रावस्ती जिले के सिरसिया थाना क्षेत्र के एक प्राइवेट स्कूल में टीचर ने छात्र को इस कदर बेरहमी से पीटा कि उसकी मौत हो गई।
इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए गुरु शिष्य दोनो को ही मर्यादा का पालन करना जरूरी है। जीवन में व्यक्ति जो भी उपलब्धि हासिल करता है, स्वयं को उस योग्य बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला उसका गुरु होता है।