मीडिया ग्रुप, 12 अगस्त, 2022
हादसे में घायल हुए एक बंदर के प्रति साथी बंदरों ने एकता का परिचय दिया जो मानवता के लिए संदेश रूपमें देखी जा सकती है।
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में वन्यजीवों की संवेदनशीलता का अनूठा मामला सामने आया है। सोरगढ़ किले के पास एक बंदर करंट लगने से झुलसकर पास में ही नगरपालिका के रिटायर्ड कर्मचारी के घर के आंगन में जा गिरा। उस वक्त परिवार के सभी सदस्य बाजार गए थे।
घटना के कुछ ही देर में मौके पर बंदरों की भीड़ उमड़ पड़ी। बताया जा रहा है कि करीब सौ बंदर मौके पर जुट गए। कुछ देर बाद रिटायर्ड कर्मचारी का परिवार भी बाजार से लौट आया, लेकिन बंदरों ने उन्हें घर में नहीं घुसने दिया। वह तब तक वहां से नहीं गए, जब तक घायल बंदर को चेतना नहीं आई। होश आने पर उसे साथ लेकर गए।
बंदरों की भी एकता और संवेदनशीलता मनुष्यों के ही बराबर मानी गई है। गुरुवार को इसका पिथौरागढ़ जिले में अनूठा उदाहरण देखने को भी मिला। सोरगढ़ किले के करीब बंदरों का झुंड उछल कूद मचाए हुआ था। इसी दौरान बिजली लाइन के संपर्क में आने से एक बंदर झुलसकर घायल हो गया और पास के ही मकान में जा गिरा।
कुछ ही देर मौके पर बंदरों का मजमा उमड़ पड़ा। सभी साथी के घायल होने से उदास थे। कुछ ही देर में वहां नगरपालिका के रिटायर्ड कर्मचारी का परिवार आ गया। लेकिन बंदरों ने उन्हें घंटों घर में नहीं घुसने दिया। काफी देर तक परिजन घर के बाहर खड़े रहे।
कुछ देर बाद कर्मचारी के परिवार ने वन विभाग काे फोन किया, फोन नहीं उठा तो वन विभाग पहुंचकर बंदरों को खदेड़ने की गुहार लगाई, लेकिन अवकाश के चलते वन विभाग से भी कोई मदद नहीं मिली। दोपहर बाद घायल बंदर की हालत में सुधार के बाद झुंड उसे साथ लेकर वहां से निकला।
बताया जा रहा है नगरपालिका क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से बंदरों ने आतंक मचा रखा है। वन विभाग से मात्र 100 मीटर की दूरी पर स्थित इस स्थल के आसपास रहने वाले लोग बंदरों से खासे परेशान हैं। क्षेत्रवासियों ने बंदरों पर अंकुश के लिए ठोस पहल की मांग वन विभाग से की है।