जगदीप धनखड़ बने भारत के उपराष्ट्रपति, वकील से उपराष्ट्रपति पद तक सफर।

मीडिया ग्रुप, 06 अगस्त, 2022

सिमरप्रीत सिंह, आर्टिकल एडिटर- मीडिया ग्रुप

देश के अगले उपराष्ट्रपति पद के लिए हो रहे चुनाव के नतीजे सामने आ गए हैं। इन नतीजों में एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ ने जीत हासिल की है। चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया कि नए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को 528 मत प्राप्त हुए हैं।

वहीं विपक्ष से इस पद की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को 182 वोट मिले हैं। जबकि 15 वोटों को रद्द कर दिया गया है। उपराष्ट्रपति चुनाव में शनिवार को करीब 93 फीसदी मतदान दर्ज किया गया। अधिकारियों ने बताया कि 50 से अधिक सांसदों ने अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं किया।

अधिकारियों ने बताया कि कुल 780 सांसदों में से 725 सांसदों ने मतदान शाम पांच बजे तक मतदान किया। तृणमूल कांग्रेस ने पहले ही चुनाव से दूर रहने के फैसले की घोषणा की थी। हालांकि, इसके दो सांसदों शिशिर कुमार अधिकारी और दिब्येंदु अधिकारी ने मतदान किया।

झुंझुनू जिले के एक किसान परिवार में जन्मे धनखड़ ने अपनी स्कूली शिक्षा सैनिक स्कूल, चित्तौड़गढ़ से पूरी की। भौतिकी में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय से एलएलबी की उपाधि ली।

साल 1978 में उन्होंने जयपुर विश्वविद्यालय में एलएलबी कोर्स में एडमिशन लिया। कानून की डिग्री लेने के लेने बाद जगदीप धनखड़ ने वकालत शुरू कर दी और साल 1990 में जगदीप धनखड़ को राजस्थान हाईकोर्ट में सीनियर एडवोकेट का ओहदा दिया गया। जगदीप धनखड़ ने सुप्रीम कोर्ट से लेकर देश के कई हाईकोर्टों में वकालत की प्रैक्टिस की। साल 1988 तक देश में प्रतिष्ठित वकीलों में शुमार हो गए |

धनखड़ 1989 के लोकसभा चुनाव में झुंझुनू से सांसद चुने जाने के बाद उन्होंने 1990 में संसदीय मामलों के राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया। वह वीपी सिंह और चंद्रशेखर की सरकार में मंत्री भी रहे। 1991 में धनखड़ जनता दल छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए।

वहीं, 1993 में वह अजमेर के किशनगढ़ से विधायक बने। इसके बाद 2003 में वह कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए। जुलाई 2019 में धनखड़ को पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया गया था और तब से राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आलोचना करने को लेकर वह अक्सर सुर्खियों में रहे हैं।