मीडिया ग्रुप, 09 जुलाई, 2022
पर्वतीय क्षेत्र में भारी बारिश समस्या का कारण बन रही है। चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों में भारी वर्षा यात्रा पर भारी पड़ रही है। शनिवार को पांडुकेश्वर से बदरीनाथ के बीच वर्षा के कारण मलबा और बोल्डर गिरने से बदरीनाथ हाईवे पर जहां दो हजार से अधिक यात्री फंसे रहे, वहीं सोनप्रयाग में 2855 यात्रियों को रोका गया।
जिला प्रशासन ने यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रहने को कहा है। फूलों की घाटी जाने वाले पैदल मार्ग के भूस्खलन से बंद होने के कारण पर्यटकों को घांघरिया में ही रोक दिया गया है।
पिथौरागढ़ के चथरीपानी में अतिवृष्टि से मोटर पुल क्षतिग्रस्त हो गया है। चीन सीमा तक जाने वाला लिपुलेख समेत अन्य दो मार्ग मलबा आने से बंद हो गए हैं। धारचूला में घास लेने गई एक महिला की पहाड़ी से पत्थर गिरने से मौत हो गई। पूरे राज्य में 70 से अधिक मार्ग मलबा आने से अवरुद्ध हैं।
शुक्रवार की रात्रि को भारी वर्षा से बदरीनाथ हाईवे पांडुकेश्वर से बदरीनाथ के बीच बेनाकुली, कंचनगंगा, रडांगबैंड, लामबगड़ खचड़ानाला में भूस्खलन से बंद हो गया। बीआरओ ने शनिवार शाम को कंचनगंगा व रडांगबैंड़ में हाईवे खोल भी दिया, परंतु लामबगड़ खचड़ानाला व रडांगबैंड में दोबारा भारी मलबा आ गया, जिससे वाहनों की आवाजाही नहीं हो पाई।
रुक-रुककर हो रही वर्षा और पहाड़ी से गिर रहे पत्थरों के कारण हाईवे खोलने में परेशानी हो रही है। बदरीनाथ धाम में 80 से अधिक बड़े-छोटे यात्री वाहन हाईवे खुलने का इंतजार कर रहे हैं। धाम में 700 से अधिक यात्री मौजूद हैं, जबकि बदरीनाथ जाने वाले यात्रियों की संख्या 1300 से अधिक है।
यात्री पांडुकेश्वर, गोविंदघाट, जोशीमठ, चमोली, पीपलकोटी सहित विभिन्न पड़ावों में रुककर हाईवे खुलने का इंतजार कर रहे हैं। पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे ने बताया कि यात्रियों को हाईवे खुलने तक बदरीनाथ धाम में होटल, धर्मशालाओं में ही रुकने को कहा गया है।
कुमाऊं में भी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। पिथौरागढ़ जिले शुक्रवार रात मुनस्यारी और सैणरांथी क्षेत्र में अतिवृष्टि से तबाही मची है। सैणरांथी से पंद्रह किमी दूर ऊंचाई पर स्थित चुथरापानी में बादल फटने से द्वालीगाड़ नाला ऊफान पर आ गया। नाले के वेग ने द्वालीगाड़ पुल को क्षतिग्रस्त कर दिया।
इससे थल-मुनस्यारी मार्ग पर बिर्थी से लेकर चीन सीमा तक संपर्क भंग हो गया। मुनस्यारी में आइटीबीपी कैंप के निकट से हरकोट जाने वाली सड़क पर दरार से भूस्खलन का खतरा बना हुआ है।
बागेश्वर जिले में अतिवृष्टि से कांडा और काफलीगैर में दो मकान क्षतिग्रस्त हो गए। अतिवृष्टि से सौंग, मुनार में तीन पैदल पुल, दो घराट और एक हैंडपंप भी बह गया है। भराड़ी-सौग मोटर मार्ग लगभग सौ मीटर तक गायब हो गया है। 15 हजार से अधिक आबादी का सड़क संपर्क पूरी तरह कट गया है।
गरुड़ के लाहुरघाटी में बिजली और नैकाना खुमटिया में पेयजल योजना आपदा की भेंट चढ़ गई है। पर्वतीय हाइड्रोपावर कंपनी का मेन फीडर लाइन का पाइप फट गया। जिससे बिजली उत्पादन बंद हो गया है। बागेश्वर में सात, चम्पावत व नैनीताल में चार-चार, अल्मोड़ा में पांच ग्रामीण सड़कें मलबा आने से बंद हैं।