ऊधमसिंह नगर : पुलिस ने लंबी जांच के बाद सबूत न मिलने पर कार्यवाही की समाप्त, पत्नी ने नहीं मानी हार, 11 साल बाद पति के हत्यारोपी को कराया गिरफ्तार।
मीडिया ग्रुप, 01 मई, 2022
रुद्रपुर। 11 साल पहले लापता लापता भोनू साहनी के मामले में दर्ज केस में पुलिस ने लंबी जांच के बाद कोई साक्ष्य नहीं मिलने पर फाइनल रिपोर्ट लगा कर कार्यवाही समाप्त कर दी थी। लेकिन पुलिस की एफआर से भोनू की पत्नी संतुष्ट नहीं थी। उसने अपने सौतेले देवर पर संदेह व्यक्त करते हुए दोबारा जांच की मांग उठाई थी।
न्यायालय के आदेश के बाद पुलिस ने दोबारा जांच की तो मामले में से परत-दर-परत उठती गई। सीओ सिटी अभय सिंह ने बताया कि भोनू रिक्शा चलाकर परिवार का भरण पोषण करता था। उसके साथ सौतेला भाई छुटकन का परिवार भी रहता था।
23 जुलाई 2011 को अचानक भोनू लापता हो गया था। भोनू की पत्नी कृष्णा देवी ने गुमशुदगी दर्ज कराई थी। विवेचना तत्कालीन उपनिरीक्षक पंकज जोशी को सौंपी गई। लंबी छानबीन के बावजूद पुलिस इस मामले की तह तक नहीं पहुंच पाई और साक्ष्य के अभाव में फाइनल रिपोर्ट लगा दी गई। लेकिन कृष्णा इस रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं थी।
जब भोनू लापता हुआ तो उसका सौतेला भाई छुटकन भी रुद्रपुर से अपने मूल निवास बिहार चला गया था। बाद में वह बिहार से भी कहीं और रहने चला गया। कृष्णा की मांग पर न्यायालय ने मामले की दोबारा जांच करने के आदेश दिए। ऐसे में एसएसपी मंजूनाथ टीसी निर्देशन में पुलिस ने छानबीन की तो छुटकन की गिरफ्तारी ने भोनू के लापता होने की गुत्थी सुलझा दी।
पता चला कि उसने उसकी हत्या कर दी थी। करीब 11 साल बाद पति के लौटने की उम्मीद पाले पत्नी को न्याय मिला। कोतवाल विक्रम राठौर ने बताया कि भोनू साहनी की हत्या की बात सामने आने के बाद पुलिस ने थाने के अभिलेख पंचायतनामा वर्ष 2011 का अवलोकन किया। जिसके आधार पर 30-32 वर्षीय एक युवक का शव उसी नाले में 26 जुलाई 2011 को बरामद हुआ था। पंचनामे में दर्ज हुलिया व कपड़े मृतक की पत्नी और आरोपित छुटकन ने पहचान लिए।
पुष्टि हुई कि शव भोनू साहनी का ही था। पुलिस के मुताबिक आरोपित ने बताया कि उस दिन अत्यधिक बारिश हो रही थी। ऐसे में लाश उसने नाले में ही डाल दी थी।
हत्या का पर्दाफाश करने वाली पुलिस टीम को डीआइजी नीलेश आनंद भरणे ने 25 हजार जबकि एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने 15 हजार रुपये इनाम देने की घोषणा की है। टीम में सीओ सिटी अभय सिंह, कोतवाल विक्रम राठौर, एसएसआइ सतीश चंद्र कापड़ी, उपनिरीक्षक संदीप शर्मा, कांस्टेबल कैलाश परिहार, विशाल रावत, शैलेंद्र सुयाल शामिल हैं।
एसएसपी ने बताया कि इस मामले का पर्दाफाश करने वाली टीम में शामिल पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों के नाम बेस्ट इनवेस्टिगेशन अवार्ड के लिए भी भेजा जाएगा।