मीडिया ग्रुप, 10 अप्रैल, 2022
हल्द्वानी। उत्तराखंड में अतिक्रमण के खिलाफ सरकार ने सख्त कार्यवाही शुरू कर दी है। वहीं, कुमाऊं मंडल में रेलवे की भूमि पर काबिज हजारों लोगों के अतिक्रमण पर कार्रवाई होने से भयभीत बस्तीवासियों में हड़कंप मचा हुआ है। हल्द्वानी में रेलवे भूमि से अतिक्रमण हटाने की कवायद का मामला सुर्खियों में है।
सोमवार को रेलवे अपना मास्टर प्लान डीएम के सामने रखेगा। रेलवे की रिपोर्ट के मुताबिक, अतिक्रमण के दायरे में पांच स्कूल व एक अस्पताल भी आ रहे हैं। इसके अलावा धार्मिक स्थल व पानी के ओवरहैड टैंक भी शामिल हैं।
गौलापार निवासी आरटीआइ एक्टिविस्ट एवं याचिकाकर्ता रविशंकर जोशी ने रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए हाई कोर्ट की शरण ली थी। हाई कोर्ट ने अतिक्रमण को गंभीर बताते हुए डीएम व रेलवे के अधिकारियों से जवाब तलब किया है। रेलवे जमीन का सीमांकन कर चुका है।
चार दिन पहले ड्रोन से मैपिंग भी की गई। रेलवे की रिपोर्ट के मुताबिक, अतिक्रमण की जद में आए 4365 वादों की रेलवे प्राधिकरण में सुनवाई हुई। जिसमें 4356 वादों का निस्तारण हो चुका है। अतिक्रमणकारी कब्जे को लेकर कोई ठोस सबूत नहीं दिखा पाए। अब रेलवे ने मास्टर प्लान तैयार कर लिया है।
इसमें बताया गया है कि इंदिरानगर व गफूरबस्ती में पांच सरकारी स्कूल व इंदिरानगर में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण कर बनाए गए हैं। इज्जतनगर मंडल रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी राजेंद्र कुमार के अनुसार अतिक्रमण हटाने का मास्टर प्लान तैयार कर लिया गया है। 11 अप्रैल को इसे डीएम नैनीताल को सौंप दिया जाएगा।
रेलवे की जमीन पर गोपाल मंदिर, शिव मंदिर समेत पांच मंदिर भी बने हुए हैं। साथ ही 20 मस्जिदें भी हैं। इंदिरानगर व गफूरबस्ती में कई समुदाय के लोग निवासरत हैं। हालांकि अधिकांश आबादी में मुस्लिम समुदाय के लोग निवास कर रहे है। इसके अलावा दो पेयजल टैंक भी इंदिरानगर व गफूरबस्ती में रेलवे की जमीन पर बने हुए हैं।
बताया जाता है कि रेलवे की जमीन पर बसे लोग सभी सरकारी योजनाओं का लाभ ले रहे हैं। राशन कार्ड, आधार कार्ड के साथ ही उनके स्थायी निवास प्रमाणपत्र भी बने हैं। प्रधानमंत्री पीएम आवास योजना से भी सैंकड़ों लोग लाभान्वित हो चुके हैं। याचिकाकर्ता रविशंकर जोशी का कहना है कि हल्द्वानी कुमाऊं मंडल का प्रवेश द्वार है।
नई ट्रेनों के संचालन के लिए आवश्यक नई लाइनों का निर्माण, वाशिंग-यार्ड, मेंटेनेंस-यार्ड, शंटिंग- लाइनों आदि का निर्माण हल्द्वानी स्टेशन में भूमि की कमी के कारण नहीं हो पा रहा है। अतिक्रमण हटने से पूरे कुमाऊं का विकास होगा। पर्यटन के साथ व्यापारिक- व्यवसायिक गतिविधियों को भी व्यापक बढ़ावा मिलेगा।