मीडिया ग्रुप, 16 मार्च, 2022
देहरादून। उत्तराखंड में पांचवीं विधानसभा के नतीजे आने के बाद जहां भाजपा में सरकार के मुखिया की तलाश जारी है तो वहीं अब विपक्षी दल कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष के पद को लेकर भी घमासान छिड़ गया है।
हांलाकि निवर्तमान नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह का इस पद पर दावा स्वाभाविक रूप से मजबूत है लेकिन हार के बाद पार्टी में मचे राजनीतिक घमासान के बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल के इस्तीफे के बाद अब नेता प्रतिपक्ष के इस पद के लिए भी नए दावेदार सामने आने लगे हैं।
इसे प्रीतम सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के गुटों में बढ़ती खींचतान के परिणाम के रूप में देखा जा रहा है। हरीश रावत के सबसे करीबी समर्थकों में शुमार धारचूला से नवनिर्वाचित विधायक हरीश धामी ने इस पद पर अपनी दावेदारी ठोक दी है। 10 मार्च को चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद प्रदेश की चैथी विधानसभा भंग हो चुकी है। नई विधानसभा के लिए नेता प्रतिपक्ष का चयन भी होना है।
प्रमुख प्रतिपक्षी दल कांग्रेस के 19 सदस्य इस बार विधानसभा पहुंचे हैं। विधानसभा में दूसरी पार्टी बसपा है। नेता प्रतिपक्ष का पद कांग्रेस को ही मिलना है। इस पद पर निवर्तमान नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह पार्टी के भीतर सबसे मजबूत दावेदार हैं। प्रीतम छठी बार चकराता विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए हैं। राज्य बनने के बाद से अब तक एक भी चुनाव नहीं हारे प्रीतम सिंह पिछली दोनों कांग्रेस सरकारों में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं।
कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता यानी नेता प्रतिपक्ष पद पर प्रीतम के स्वाभाविक दावे को पार्टी के भीतर ही चुनौती भी मिल रही है। दरअसल प्रीतम सिंह कांग्रेस की हार के लिए टिकटों के वितरण और कटौती पर सवाल खड़े कर चुके हैं। उन्होंने पांच वर्ष तक विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय व्यत्तिफ को ही वहां टिकट दिए जाने की बात कही साथ में हार को लेकर होने वाले मंथन पर इन बिंदुओं पर खुलकर चर्चा के संकेत भी दिए।
प्रीतम सिंह के निशाने पर कहीं न कहीं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत रहे हैं। कांग्रेस में आरोप- प्रत्यारोप के युद्ध पर पार्टी हाईकमान भी सख्त हिदायत दे चुका है। अब रावत खेमे के करीबी माने जाने वाले पिथौरागढ़ जिले के धारचूला से नवनिर्वाचित विधायक हरीश धामी ने नेता प्रतिपक्ष पद पर दावेदारी की है।
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में धामी ने कहा कि जिस तरह भाजपा युवा नेतृत्व को आगे बढ़ा रही है उसी तरह कांग्रेस को भी नेता प्रतिपक्ष पद के लिए उन्हें मौका देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब बहुत हो गया। कांग्रेस आलाकमान को नए नेतृत्व पर विचार करना होगा।
धामी के इन तेवरों के निहितार्थ भी तलाश किए जा रहे हैं। उधर, पिथौरागढ़ की तरह ही दूसरे सीमांत जिले से चमोली की बदरीनाथ विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित राजेंद्र भंडारी के समर्थक भी उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाने के लिए सोशल मीडिया पर मुहिम चला रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ भाजपा की जीत के बाद सीएम किसे बनाया जाए इस पर मंथन चल रहा है।
विधायकों की दिल्ली दौड़ जारी है। साथ ही चुनाव हारे सीएम धामी भी दिल्ली दौरे पर हैं। सीएम चेहरे के लिए कार्यवाहक सीएम का नाम सबसे आगे चल रहा है। वहीं धन सिंह रावत, सतपाल महाराज, अनिल बलूनी, रमेश पोखरियाल निशंक का नाम भी शामिल है।
वहीं आज सभी की दिलों की धड़कनें बढ़ गई जब सीएम धामी को दिल्ली से बुलावा आया और उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। सीएम धामी के साथ राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी भी मौजूद है।
इस दौरान पुष्कर सिंह धामी के चेहरे पर मुस्कान दिखी। बता दें कि आज सुबह अचानक कार्यवाहक सीएम धामी, मदन कौशिक को दिल्ली से बुलावा आया इससे उत्तराखँड की राजनीति में हलचल मची हुई है।