उत्तराखंड : भाजपा मंत्री एवं विधायक आमने सामने, विधायक द्वारा मंत्री के विरुद्ध आमरण अनशन की चेतावनी।
मीडिया ग्रुप, 01 जनवरी, 2021
देहरादून। आगामी विधानसभा चुनाव से पहले लैंसडौन क्षेत्र के विधायक दिलीप रावत और कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के बीच छिड़ी रार ने भाजपा को असहज स्थिति में ला दिया है। विधायक ने तो मंत्री के विरुद्ध आमरण अनशन की चेतावनी तक दे डाली है। यह प्रकरण सामने आने के बाद पार्टी ने इसका संज्ञान लिया है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि वह शुक्रवार को ही हल्द्वानी से लौटे हैं। जहां तक विधायक और मंत्री के बीच तकरार की बात है तो शनिवार अथवा रविवार को दोनों से बातचीत की जाएगी। यदि कोई विषय है तो उसका समाधान किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी में अनुशासन सर्वोपरि है और इसे तोडऩे की अनुमति किसी को नहीं दी जा सकती।
हाल में कोटद्वार मेडिकल कालेज को लेकर कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने जिस तरह के तेवर अपनाए, उससे भाजपा को असहज होना पड़ा था। अभी इस प्रकरण की आंच ठंडी भी नहीं हुई थी कि अब कैबिनेट मंत्री हरक सिंह और लैंसडौन क्षेत्र के विधायक दिलीप रावत के बीच तलवारें खिंचने का मामला सामने आने से पार्टी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। प्रकरण में पार्टी नेतृत्व क्या निर्णय लेता है, इस पर सभी की नजरें टिकी हैं।
कैबिनेट मंत्री हरक सिंह और विधायक दिलीप रावत के बीच छिड़ी रार के पीछे राजनीतिक कारण भी मुख्य वजह माने जा रहे हैं। असल में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह पूर्व में कई बार यह कह चुके हैं कि अब उनकी चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं है। हाल में उन्होंने यह भी कहा था कि पार्टी यदि उन्हें चुनाव लड़ाना ही चाहती है तो सीट तय कर दे। इस क्रम में उन्होंने कुछ सीटों के विकल्प भी दिए थे, लेकिन इसमें कोटद्वार का नाम नहीं था, जहां का वह वर्तमान में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
यह चर्चा भी है कि हरक सिंह रावत अपनी पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं के लिए विधानसभा की लैंसडौन सीट से टिकट मांग रहे हैं। इस क्रम में अनुकृति ने तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। विधान सभा की लैंसडौन सीट का वर्तमान में दिलीप रावत प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। ऐसे में कैबिनेट मंत्री के उनके विधानसभा क्षेत्र में हस्तक्षेप को भी रावत की नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है।