मीडिया ग्रुप, 27 दिसंबर, 2021
रुद्रपुर। श्री गुरु गोविंद सिंह जी के चार साहिबजादों की शहादत दिसंबर महीने के अंतिम सप्ताह में हुई थी। इस समय मे सिख धर्म के अनुयायियों द्वारा हर साल लंगर लगाकर एवं कीर्तन और धार्मिक आयोजनों द्वारा चारों साहिबजादों को श्रद्धापूर्वक याद किया जाता है। देश भर में जगह जगह सिख संगत द्वारा लंगर का आयोजन किया जाता है।
22 दिसंबर को चमकौर की जंग में मुगल सेना से लड़ते हुए गुरु साहिब के दो बड़े साहिबजादे अजीत सिंह और जुजार सिंह अपने 11 अन्य साथियों सहित शहीद हुए।
23 दिसंबर को गुरु साहिब की माता गुजर कौर सहित दोनों छोटे साहिबजादों जोरावार सिंह और फतेह सिंह को बंदी बना लिया गया। खबर मिलते ही वजीर खां के सैनिक माता गुजरी और 7 वर्ष की आयु के साहिबजादा जोरावर सिंह और 5 वर्ष की आयु के साहिबजादा फतेह सिंह को गिरफ्तार करने गंगू के घर पहुंच गए। उन्हें लाकर ठंडे बुर्ज में रखा गया और उस ठिठुरती ठंड से बचने के लिए कपड़े का एक टुकड़ा तक ना दिया।
ठंडे बुर्ज में रखा।
रात भर ठंड में ठिठुरने के बाद सुबह होते ही दोनों साहिबजादों को वजीर खां के सामने पेश किया गया, जहां भरी सभा में उन्हें इस्लाम धर्म कबूल करने को कहा गया। वजीर खां ने दोनों साहिबजादों को काफी डराया, धमकाया और प्यार से भी इस्लाम कबूल करने के लिए राज़ी करना चाहा, लेकिन दोनों अपने निर्णय पर अटल थे। आखिर में दोनों साहिबजादों को जिंदा दीवारों में चुनवाने का ऐलान किया गया।
चारों साहिबजादों की याद में रुद्रपुर में गंगापुर रोड स्थित दक्ष चौराहे पर सिख संगत द्वारा राहगीरों के लिये चाय का लंगर का आयोजन किया गया। इस दौरान अमरजीत सिंह, जितेंद्र सिंह संधू, तरनजीत सिंह चीमा, गगनदीप सिंह, सतनाम सिंह, गुरविंदर सिंह सहित बहुत से लोगों ने चाय की सेवा की।