स्वास्थ्य : आयुर्वेद के अनुसार खड़े होकर नहीं पीना चाहिये पानी।

मीडिया ग्रुप, 14 दिसंबर, 2021

शरीर के लिए पानी पीना कितना जरूरी है ये तो हम सभी जानते हैं, इसलिए ज्यादातर डॉक्टर और हेल्थ एक्सपर्ट्स रोजाना 5-6 गिलास पानी पीने की सलाह देते हैं। हालांकि आपके शरीर को कितने पानी की जरूरत है यह इस बात पर निर्भर करता है आपकी उम्र कितनी है, आप किस वातावरण में रहते हैं, मौसम कैसा है और आप कितनी फिजिकल एक्टिविटी करते हैं।

बावजूद इसके रोजाना कम से कम 4 गिलास पानी तो औसतन सभी के लिए जरूरी है. लेकिन जिस तरह भोजन करने का एक सही तरीका होता है कि हमेशा बैठकर और आराम से चबा-चबाकर खाना खाना चाहिए, उसी तरह क्या पानी पीने के भी कुछ नियम होते हैं?

पानी कब पीना चाहिए, किस तरह से पीना चाहिए, कैसा पीना चाहिए?

आयुर्वेद के अनुसार प्राचीन भारतीय चिकित्सा प्रणाली में बताया गया है कि पर्याप्त मात्रा में पानी पीने का फायदे तभी मिल सकते हैं, जब कुछ बातों का ध्यान रखा जाए। पूरे दिन में एक गिलास पानी पीने वाले लोगों को धीरे-धीरे हेल्थ से जुड़ीं कई परेशानी होने लगती हैं। गलत तरीके से पानी पीने से सबसे पहले डाइजेशन बिगड़ता है।

पोषक तत्वों के अवशोषण के लिए भोजन का सही डाइजेशन बहुत जरूरी है। जब आप खाना शुरू करने से पहले ज्यादा पानी पीते हैं या खाने के बीच में पीते हैं तो इससे डाइजेशन खराब हो सकता है। आयुर्वेद के अनुसार ऐसा करने से पेट में खाने की स्थिति पर सीधा असर  पड़ता है।

पानी शीतल तत्व माना जाता है और उदर में अग्नि यानी ताप होता है। खाने के समय पानी अग्नि को शांत कर सकता है। जिससे खाना खाने की और भी इच्छा होती है। खाने के दौरान नियमित रूप से पानी पीने से भी मोटापा हो सकता है।

सबसे पहले तो एक बार में एक गिलास पानी कभी न पिएं। इसे धीरे-धीरे घूंट-घूंट करके पिएं। खाना खाने से ठीक पहले या बाद में कभी भी पानी न पिएं। यह गैस्ट्रिक जूस को पतला कर सकता है, जिससे आपके सिस्टम के लिए भोजन से पोषक तत्वों को पचाना और अवशोषित करना मुश्किल हो जाता है।

आप अगर प्यासे हैं तो खाने से 30 मिनट पहले पानी पिएं या भोजन के 30 मिनट बाद तक इंतजार करें। खाना खाते वक्त अगर आपको प्यास लगती है, तो एक गिलास पानी नहीं बल्कि 1-2 घूंट पानी लें।

भोजन के सही डाइजेशन के लिए गर्म पानी पिएं। एक गिलास ठंडे पानी की तुलना में गर्म पानी अधिक हाइड्रेटिंग होता है।

क्यों नहीं पीना चाहिए खड़े होकर पानी-
ज्यादातर लोग कहीं न कहीं भागदौड़ में लगे रहते हैं। ऐसे में वे पानी भी खड़े होकर पीते हैं। खड़े होकर पानी पीने से सेहत को बहुत नुकसान पहुंचता है। जब आप खड़े होकर पानी पीते हैं तो अचानक से सिस्टम से होकर गुजरता है।

यह आपके शरीर से आसानी से निकलकर कोलन में पहुंच जाता है। इसे धीरे-धीरे पीने से द्रव शरीर के सभी अंगों तक पहुंच जाता है, जहां इसे काम करना होता है। इससे गुर्दे और मूत्राशय से विषाक्त पदार्थों का जमाव होता है। इसके अलावा पानी को निगलने से वास्तव में आपकी प्यास नहीं बुझती है।