मीडिया ग्रुप, 06 दिसम्बर, 2021
नई दिल्ली। शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने सोमवार को इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म अपना लिया। इसके साथ ही उन्होंने अपना नाम जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी रख लिया।
सोमवार सुबह गाजियाबाद में यति नरसिंहानंद सरस्वती ने सनातन धर्म में उनकी वापसी करवाई। इस मौके पर वसीम रिजवी ने कहा कि मुझे इस्लाम से बाहर कर दिया गया है, हमारे सिर पर हर शुक्रवार को इनाम बढ़ा दिया जाता है, ऐसे में मैं सनातन धर्म अपना रहा हूं। हिंदू धर्म अपनाने के बाद उन्होंने खुशी जताई है।
देश की राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद में स्थित शिव शक्ति धाम डसना के पीठाधीश्वर महंत नरसिंहानंद गिरि ने वसीम रिजवी का डासना मंदिर में ही विधि-विधान से हिंदू धर्म अपनाने का संस्कार किया। बताया जा रहा है कि धर्म परिवर्तन के बाद वह त्यागी बिरादरी से जुड़ गए हैं और उनका नाम जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी होगा।
हाल ही में वसीम रिजवी डासना मंदिर में महंत नरसिंहानंद गिरि से मिले थे और उन्होंने धर्म से जुड़ी विभिन्न बातों पर चर्चा की थी। पिछले महीने 12 नवंबर को वसीम रिजवी ने अपनी किताब ‘मोहम्मद’ के विमोचन के बाद कहा था कि यदि उनकी हत्या कर दी जाती है, तो उनका अंतिम संस्कार सनातन धर्म के विधि विधान से किया जाए।
उन्होंने कहा कि अंतिम संस्कार का अधिकार महामंडलेश्वर स्वामी नरसिंहानंद गिरि को देते हुए कहा था कि यदि जिहादियों द्वारा उनकी हत्या होती है तो इस्लामिक रीति-रिवाज से उनका अंतिम संस्कार न करके उनका शव महामंडलेश्वर स्वामी नरसिंहानंद गिरी को दिया जाए और स्वामी जी सनातन रीति-रिवाजों से उनका अंतिम संस्कार करें।
उनकी बात पर महामंडलेश्वर स्वामी नरसिंहानंद गिरि ने भी कहा था कि अगर इस्लाम के जिहादी वसीम रिजवी की हत्या करते हैं तो वो स्वयं हथियार उठाकर इसका प्रतिशोध लेंगे।