हल्द्वानी जेल कर्मियों द्वारा अमानवीयता की हदें पार, मुंह में कपड़ा ठूंस कर निर्मम पिटाई से बन्दी की मौत की न्यायिक जांच में पुष्टि।
मीडिया ग्रुप, 05 दिसम्बर, 2021
काशीपुर। कुंडेश्वरी के युवक प्रवेश कुमार की हल्द्वानी उपकारागार में हुई मौत के मामले में जेल अधिकारी और कर्मचारियों द्वारा अमानवीयता की हदें पार करने की घटना सामने आयी है। जेल में बन्द कैदी के साथ जेल कर्मियों द्वारा दिखाये गये बहशीपन को इससे भी समझा जा सकता है कि बन्दी की मृत्यु हो है।
कुंडेश्वरी के युवक प्रवेश कुमार की हल्द्वानी उपकारागार में न्यायिक जांच में जेल के कर्मचारी की ओर से निर्मम पिटाई करने और बाद में उसी पिटाई से लगे सदमे व अत्यधिक खून बहने से प्रवेश की मौत होने की पुष्टि हुई है।
पांच मार्च को कुंडेश्वरी निवासी प्रवेश कुमार को कुंडेश्वरी चौकी पुलिस ने उपकारागार हल्द्वानी भेजा था। उस पर छेड़छाड़ का आरोप था। जेल पहुंचने के अगले दिन छह मार्च को प्रवेश की हल्द्वानी उपकारागार में मौत हो गई थी। मौत के बाद परिजनों ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया था।
इसके बाद जेल से छूटे एक व्यक्ति ने जेल कर्मचारियों पर आरोप लगाया कि जेल में प्रवेश की निर्मम पिटाई की गई और बाद में उसी पिटाई से उसकी मौत हो गई। मामले में सुनवाई के दौरान सीजेएम कोर्ट नैनीताल ने न्यायिक जांच करने का आदेश दिया था। इसके बाद एसीजेएम हल्द्वानी रमेश सिंह ने मामले की जांच की।
मृतक प्रवेश की पत्नी के वकील अधिवक्ता संजीव कुमार आकाश ने जांच रिपोर्ट की एक कॉपी कोर्ट से हासिल की है। जांच रिपोर्ट में एसीजेएम ने बताया कि प्रवेश की मौत मारपीट और मारपीट से लगे सदमे व खून बहने की वजह से हुई थी। जांच रिपोर्ट में कहा गया कि जेल में प्रवेश ने खाने में कमी निकाली और खाना खाने से मना कर दिया।
इससे नाराज जेल कर्मचारियों ने उसके साथ कई बार मारपीट की। उसके मुंह में कपड़ा ठूंस कर निर्मम पिटाई की जिससे जेल में ही उसकी मौत हो गई। बाद में जेल के अन्य अधिकारी व कर्मचारियों ने इस घटना पर पर्दा डालने के लिए उसे सोबन सिंह जीना अस्पताल भेजा। यही नहीं अधिकारी व कर्मचारियों ने गवाहों को धमकाया भी।
जांच रिपोर्ट में एसीजेएम ने उपकारागार के कर्मचारी कीर्ति नैनवाल, देवेंद्र यादव, सिपाही देवेंद्र रावत व हरीश प्रजापति सहित अन्य जेल कर्मचारियों को पिटाई का दोषी ठहराया।
रिपोर्ट में कहा गया कि आरोपियों ने प्रवेश को जमीन पर लिटा कर उसके मुंह में कपड़ा ठूंस कर बुरी तरह से लात व पट्टों से पीटा।
आरोपियों के जूतों में लगी लोहे की पत्तियों से प्रवेश के शरीर पर गंभीर चोटें आईं। अधिवक्ता संजीव कुमार आकाश ने बताया अब तक मृतक की पत्नी को मुआवजा नहीं मिल सका है। अब वह पीड़िता व उसके बच्चों के भरण-पोषण के लिए वाद दायर कर उसे मुआवजा दिलवाने की गुहार न्यायालय से लगाएंगे।