किसान आंदोलन में ऊधमसिंह नगर के किसानों का सराहनीय रहा सहयोग।

मीडिया ग्रुप, 20 नवंबर, 2021

रुद्रपुर। किसान आंदोलन में हर वर्ग के किसानों का भरपूर सहयोग रहा, साथ ही ऊधमसिंह नगर जनपद के किसानों द्वारा भी इस आंदोलन में सराहनीय भूमिका और सहयोग दिया।

उत्तराखंड का किसान बहुल जिला होने के कारण ऊधमसिंह नगर शुरू से प्रदेश में किसान आंदोलन का केंद्र रहा। 26 नवंबर 2020 को पहली ऊधम सिंह नगर के सैकड़ों किसानों ने रुद्रपुर में एकत्र होकर बिलासपुर होते हुए दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर के लिए कूच किया। गाजीपुर बॉर्डर पर महीनों तक जिले के किसान धरने पर डटे रहे। अभी भी कई किसान धरना दे रहे हैं।

जिला मुख्यालय होने के कारण किसान आंदोलन के काला दिवस मनाने व भारत बंद की सफलता में रुद्रपुर के किसानों के साथ ही व्यापारियों व आम जनता का पूरा सहयोग मिला।

रुद्रपुर के आम लोगों ने भी किसान आंदोलन को पूरा समर्थन दिया। तीन अक्तूबर को लमीखपुर कांड में रुद्रपुर निवासी किसान नेता तजिंदर विर्क भी बुरी तरह घायल हो गए थे।

वे कई दिन तक दिल्ली के अस्पताल में भर्ती रहे। अब उनकी हालत सामान्य है। विर्क के खिलाफ आंदोलन के दौरान दिल्ली में मुकदमा भी दर्ज हुआ, जबकि रुद्रपुर के निकट यूपी के सीमांत क्षेत्र डिबडिबा के युवा किसान नवरीत सिंह दिल्ली में 26 जनवरी को किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए।

किसान आंदोलन को बढ़ता देख तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेद्र सिंह रावत ने रुद्रपुर के गांधी पार्क में सभा कर किसानों के हित में कई घोषणाएं कीं, लेकिन किसान आंदोलन जारी रहा। किसान आंदोलन में तराई किसान संगठन, अखिल भारतीय किसान सभा, भारतीय किसान यूनियन, भारतीय सिख संगठन, भाकियू (चढूनी) आदि संगठनों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

किसान आंदोलन में तराई का योगदान-
(14 सितंबर 2020 को तीन कृषि विधेयकों को संसद में लाया गया। 27 सितंबर राजपत्र में अधिसूचित कर उन्हें कृषि कानून बना दिया गया।

26 नवंबर 2020-
कृषि कानूनों के विरोध में पहली बार ऊधमसिंह नगर जिले से हजारों किसानों ने दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर के लिए कूच किया।

08 दिसंबर 2020-
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने भारत बंद किया, जिसमें तराई में व्यापक बंद रहा।

26 जनवरी 2021-
किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकाली, जिले भर के किसानों ने इसमें बढ़चढ़कर प्रतिभाग किया।

26 जनवरी-
दिल्ली में आंदोलन के दौरान रुद्रपुर के निकट (यूपी के सीमांत क्षेत्र) डिबडिबा निवासी युवा किसान नवरीत सिंह शहीद हुए।

26 मई-
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने काला दिवस मनाया। इसमें तराई में एतिहासिक बंद रहा।

03 अक्तूबर-
यूपी के लखीमपुर में वाहन चढ़ने से चार किसानों की मौत हुई, जिसमेें रुद्रपुर निवासी किसान नेता तजिंदर सिंह विर्क गंभीर रूप से घायल हुए। अब उनकी हालत में सुधार है।

06 अक्तूबर-
किसान नेता महेंद्र टिकैत की जयंती पर जसपुर में किसान पंचायत हुई। इसमें भी किसानों ने अपना संकल्प दोहराया।