मीडिया ग्रुप, 13 नवंबर, 2021
उत्तराखंड बनने के बाद से ही काशीपुर जिला बनाने की मांग समय समय पर जनता द्वारा उठाई जाती रही है तो वहीं डीडीहाट को जिला बनाने की मांग भी बार बार उठाई गई। नये जिले को लेकर एक बार फिर जनता के हाथ मायूसी लगी है।
डीडीहाट जिला बनाने की मांग को लेकर विगत डेढ़ माह से आंदोलन चला रहे लोगों को मुख्यमंत्री के डीडीहाट आगमन की प्रतीक्षा थी। शनिवार को वह दिन आया भी, परंतु उनकी आस अधूरी रह गई।
जिला बनाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष लवि कफलिया, राजू बोरा,शेर सिंह साही, दान सिंह कन्याल, दीवान मेहता का शिष्टमंडल जिले की मांग को लेकर सीएम से मिला। वहीं पेयजल मंत्री विशन सिंह चुफाल ने भी सीएम के सम्मुख डीडीहाट जिला बनाने सहित अन्य मांगों का ज्ञापन सौंपा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जिलों के लिए रिपोर्ट जिला पुनर्गठन आयोग के पास है। आयोग की रिपोर्ट आने के बाद जिले का गठन होगा। उन्होंने कहा कि डीडीहाट मेरा घर है और घर के लिए कोई कमी नहीं करता है।
इस मौके पर सांसद अजय टम्टा ने जिले की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को समय देने की अपील की। उन्होंने कहा कि धामी को अभी मुख्यमंत्री बने चार माह भी पूरे नहीं हुए हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा छोटी प्रशासनिक इकाईयों की पक्षधर रही है। भाजपा ने ही राज्य बनाया जिले भी भाजपा ही बनाएगी। वहीं अपने संबोधन में सीएम धामी ने कहा कि जिला गठन का मामला पुनर्गठन आयोग के पास है। आयोग की रिपोर्ट आते ही जिले का गठन कर दिया जाएगा। मंच से जिले की घोषणा नहीं होने की मायूसी लोगों के चेहरों पर नजर आई।
कार्यक्रम के बाद जब मुख्यमंत्री पुष्कर धामी अपने पैतृक गांव को लौट रहे थे तो रामलीला मैदान के नीचे तिराहे पर कुछ युवाओं ने जिला नहीं बनने पर काले झंडे दिखाए। जिले की घोषणा नहीं होने से आमरण अनशन जारी है। घनश्याम और अशोक मेहता छठे दिन भी अनशन पर डटे रहे।
शनिवार को 70 वर्ष से अधिक उम्र के दो बुजुर्ग गोविंद लाल साह और धन सिंह कफलिया आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। जिला बनाओ संघर्ष समिति की देर सायं आंदोलन को लेकर बैठक आयोजित की गई है।
मुख्यमंत्री के इन बयान से डीडीहाट सहित काशीपुर को जिला बनाने की मांग एक बार फिर अधर में अटक गई है जो सरकार के इस कार्यकाल में पूरी होती नजर नहीं आ रही है।