हरिद्वार। “यदि आज हमें लगता है कि हमारे बच्चे सही दिशा में न जा कर ग़लत रास्ता अपना रहे हैं और ग़लत जीवन शैली अपना रहे हैं, तो उसके लिए कहीं ना कहीं हमारे माता-पिता अथवा उन बच्चों के संरक्षक ही ज्यादा जिम्मेदार हैं, जबकि वास्तव में यह कोई नहीं चाहता कि उनके बच्चे ग़लत दिशा में जायें।”
उक्त विचार आज स्थानीय प्रेस क्लब के सभागार में ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती ने भारतीय जागरूकता समिति, हरिद्वार द्वारा आयोजित एक विधिक परिचर्चा संगोष्ठी ‘समस्या और समाधान’ कार्यक्रम के अन्तर्गत उपस्थित श्रोताओं को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये। उन्होंने आगे कहा कि इसका समाधान यह है, कि माता-पिता बच्चों को ज्यादा समय दें, उनकी गतिविधियों पर सीधी नज़र रखें तथा उनके साथ मित्रवत् व्यवहार करें, ड्रग्स का प्रयोग रोकने व कम करने का यही उपाय है।
भारतीय जागरुकता समिति के संस्थापक, अध्यक्ष तथा नैनीताल उच्च न्यायालय के अधिवक्ता ललित मिगलानी ने पोक्सो एक्ट, यौन अपराध, नशा उन्मूलन, सूचना का अधिकार तथा साइबर अपराधों के खिलाफ बने कानूनों के प्रावधानों की जानकारी दी। कार्यक्रम के संयोजक व चेतना पथ सम्पादक अरुण कुमार पाठक ने कार्यक्रम का संचालन किया। कवियत्री एवं प्रेरकवक्ता श्रीमती कंचन प्रभा गौतम ने इस अवसर पर सामयिक कविता ‘देश के कानूनों का पालन, हम सब की दरकार हैं’ प्रस्तुत कर खूब तालियाँ बटोरी तथा शिवान्या अग्रवाल, सानवी खन्ना, अद्विका पाल ने सरस्वती वंदना तथा श्रीराम भजन पर नृत्य प्रस्तुतियाँ दीं। आकाशवाणी व दूरदर्शन के कलाकार विपुल रुहेला ने ग़ज़ल पेश की। कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलन तथा पुष्पार्पण के साथ की गयी।
कार्यक्रम में बोलते हुए सहायक सम्भागीय यातायात अधिकारी रश्मि पंत ने लोगों को यातायात नियमों की जानकारी देने के अलावा ड्राइविंग लाइसेंस की जरूरत पर बल देते हुए इस बात पर प्रसन्नता जताई कि यह कार्यक्रम 34 राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा एवं यातायात माह के अन्तर्गत आयोजित किया गया है। उन्होंने जनता का आह्वान किया कि, “सड़क दुर्घटना होने पर लोग केवल दुर्घटना स्थल के वीडियो नहीं बनाएँ, बल्कि, दुर्घटना का शिकार होने वाले लोगों की मदद भी करें।” उन्होंने कहा कि, “वर्तमान समय में सरकार भी ऐसे लोगों को प्रोत्साहित और सम्मानित भी कर रही है जो दुर्घटना का शिकार होने वाले लोगों के प्राण बचा रहे हैं। विगत वर्ष क्रिकेटर ऋषभ पंत के साथ हुई दुर्घटना इस बात का जीता जागता उदाहरण है।”
विशिष्ट अतिथि के रूप में परिचर्चा में प्रतिभाग करते हुएभाग लेते हुए डिप्टी कमांडेंट, एटीसी, हरिद्वार अरुणा भारती ने वर्तमान परिप्रेक्ष्य में सरकार द्वारा पुराने कानूनों में लगातार हो रहे बदलाव की जानकारी देते हुए कहा कि, आज हमारा उद्देश्य अपराधी को दण्डित करने की अपेक्षा उनमें सुधार लाना सुनिश्चित किया जा रहा है। इसमें जाति, धर्म और लिंग भेद न होकर केवल अपराधी की आयु की एकमात्र आधार माना जाता है। उसी के आधार पर अपराधी के बाल, किशोर अथवा वयस्क वर्ग का निर्धारण होता है। विचार गोष्ठी में वरिष्ठ पत्रकार व लेखिका डा. राधिका नागरथ, फिजियोथिरेपिस्ट डा. आर.एन. अग्रवाल, कवि डा. अशोक गिरि, नीता नय्यर, मानसी मिश्रा, पावरलिफ्टर संगीता राणा, समाजसेवी मानसी मिश्रा, मिनी पुरी तथा गोविन्द बल्लभ भट्ट आदि प्रमुख रुप से उपस्थित रहे। आयोजन में सिद्धार्थ प्रधान, विपुल शर्मा, अनिल कुमार विनीत चौहान, विनोद शर्मा, हिमांशु चौपड़ा, दीपाली शर्मा, अर्पिता सक्सेना व डिम्पल आदि ने विशेष सहयोग दिया।