मीडिया ग्रुप, 11 अप्रैल, 2023
देहरादून। चंद्रबनी स्थित नशा मुक्ति केंद्र अराध्या फाउंडेशन में 24 वर्षीय युवक की मौत के बाद जमकर हंगामा हुआ। केंद्र का स्टाफ मृतक के शव को घर के बाहर छोड़कर चला गया।
मृतक के शव पर पर चोटों के निशान भी हैं। क्लेमेनटाउन पुलिस ने केंद्र के कर्मचारियों से पूछताछ शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक चंद्रबनी में पिछले कुछ दिन से नशा छुड़ाने के लिए आराध्य नशामुक्ति केंद्र में दाखिल युवक की मौत हो गई।
मृतक सिद्धार्थ की बहन ने बताया कि मंगलवार सुबह करीब 7 बजे वह घर पर सो रहे थे। इसी दौरान अचानक एक कार आई और उनके भाई को घर के बाहर फेंक कर चली गई।
वह सिद्धार्थ को कमरे के अंदर ले गए जहां उसकी सांस नहीं चल रही थी। सिद्धार्थ के हाथ तोड़े हुए हैं और पीठ व शरीर के निचले हिस्सों पर चोटों के निशान हैं।
महिला ने बताया कि सिद्धार्थ नशा करता था, जिसके चलते उसे 19-20 मार्च को नशा मुक्ति केंद्र में दाखिल कराया गया था। नशा मुक्ति केंद्र वालों ने उनसे पांच हजार रुपये प्रति माह लिया था और छह महीने इलाज करने की बात कही थी।
नशामुक्ति केंद्र वाले न तो मिलने देते थे और न ही फोन पर बात करने देते थे। सिद्धार्थ के माता पिता की कुछ समय पहले मृत्यु हो चुकी है। वह अपने बड़े भाई और चार बहनों के साथ क्लेमेनटाउन के टर्नर रोड गली नंबर एक में रहता था।
युवक की मौत पर स्वजनों ने हंगामा कर दिया। स्वजनों ने टर्नर रोड जाम कर दी। युवक के शरीर पर चोटों के निशान दिख रहे हैं। मृतक के हाथ पांव बुरी तरह से तोड़े हुए हैं।
परिवार वालों ने मृतक के शव को कमरे में बंद कर हंगामा शुरू कर दिया। मौके पर सीओ सदर पंकज गैरोला व पुलिस टीम पहुंच ने हंगामा कर रहे लोगों को शांत करने का प्रयास किया।
युवक के परिवार वालों की मांग है कि आरोपितों को यहां पर लाया जाए और डीएम घटना का संज्ञान लेकर नशा मुक्ति केंद्र को बंद करवाएं।