मीडिया ग्रुप, 09 जनवरी, 2023
उत्तर भारत में ठंड व कोहरे का सबसे ज्यादा असर रेल यातायात पर देखने को मिल रहा है। कोहरे ने सुपरफास्ट ट्रेनों की रफ्तार पर भी ब्रेक लगा दिया है। निर्धारित समय से लंबी दूरी की कई ट्रेन पांच से छह घंटे की देरी से चल रही हैं।
कोहरे के कारण करीब 335 रेल गाड़ियों का आवागमन प्रभावित हुआ है। 88 ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं। 31 रेलगाड़ियों का मार्ग बदला गया है और 33 ट्रेनों की यात्रा को गंतव्य से पहले समाप्त कर दिया गया। ठंड की ठिठुरन के साथ ही घने कोहरे ने रेल यात्रियों की परेशानी बढ़ा दी है।
पिछले 15 दिनों से रेलवे की समय सारणी बिगड़ी हुई है। रेलगाड़ियों की रफ्तार इन दिनों बैलगाड़ी की तरह बनी हुई है। इनके लगातार देरी से चलने की वजह से यात्रियों की मुसीबत बढ़ी हुई है। न केवल यात्रा के दौरान बल्कि प्लेटफार्म पर भी अपनी रेलगाड़ी के इंतजार में उन्हें परेशान होना पड़ रहा है। कोहरे के आगे रेलवे की तमाम तरह की तैयारियां भी बौनी साबित हो रही हैं।
भारतीय रेलवे ने सर्दी के मौसम में कोहरे के कारण रेलगाड़ियों के देरी से चलने की समस्या से निपटने के लिए कई कदम उठाए, जो विफल साबित हुए हैं। यह निर्णय लिया गया कि रेल इंजन में कोहरे से बचने के उपकरणों के उपयोग से कोहरे व खराब मौसम की स्थिति के दौरान अधिकतम अनुमेय गति को 60 किलोमीटर प्रति घंटे से बढ़ाकर 75 किलोमीटर प्रति घंटा किया जाए।
कोहरे के मौसम में लोको पायलट सभी सावधानियों का पालन करें। कोहरे के दौरान ट्रेनों का संचालन लोको पायलट के विवेक पर छोड़ दिया गया था। मसलन यदि वह कोहरे के कारण दृष्यता कम महसूस करता है तो वह निर्धारित गति से कम या ज्यादा रफ्तार से ट्रेन चला सकता है। साथ ही यह निर्देश भी दिया गया कि यह गति किसी भी स्थिति में 75 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक न हो।