मीडिया ग्रुप, 04 अगस्त, 2022
मेरठ। दवा बाजार में नकली फूड-सप्लीमेंट और शक्तिवर्धक इंजेक्शन बेचने के आरोपी 10 वर्ष में ही करोड़पति बन गए। एसओजी की जांच में पता चला है कि दस वर्ष पहले इनमें से कोई साइकिल में पंचर लगाता था तो कोई मजदूरी करता था। एसपी क्राइम अनित कुमार ने बताया कि ऐसे 12 लोग चिह्नित किए गए हैं। इन पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज करने की तैयारी है।
मेरठ में हापुड़ रोड पर दो साल पहले नकली फूड-सप्लीमेंट बनाने की फैक्टरी पकड़ी गई थी। मंगलवार को गिरफ्तार किए गए। पुलिस का मानना है कि फैक्टरी बंद कर इन लोगों ने खैरनगर में धंधा शुरू कर दिया। अब ये अमेरिका, रूस, बैंकाक की कंपनियों के रैपर लगाकर 200 रुपये की लागत में नकली सप्लीमेंट तैयार कर चार से छह हजार तक में बेचते थे।
इसके लिए आरोपियों ने एजेंटों का नेटवर्क भी बना रखा था। एसओजी प्रभारी रामफल सिंह ने बताया कि ये खेलों और भर्तियों में जाने के इच्छुक युवाओं को टारगेट बनाते थे।
यदि आप जिम जाते हैं, वर्कआउट करते हैं और प्रोटीन व फूड-सप्लीमेंट लेते हैं तो सावधान हो जाएं। जो फूड सप्लीमेंट आप इस्तेमाल कर रहे हैं, वे नकली हो सकते हैं। पुलिस का दावा है कि खैरनगर के जिन दुकानदारों के यहां नकली फूड-सप्लीमेंट पकड़ा गया है उनका प्रतिदिन का कारोबार 20 लाख रुपये से ज्यादा का था।
शहर में लिसाड़ी गेट क्षेत्र में अवैध रूप से फूड सप्लीमेंट का धंधा चल रहा है। श्यामनगर, समर गार्डन, तारापुरी और हापुड़ रोड जमनानगर समेत कई इलाकों में पहले भी पुलिस छापामारी कर चुकी है।
नकली-फूड सप्लीमेंट का सेवन करना शरीर के लिए घातक है। इससे लिवर, किडनी, आंख और दिमाग पर सीधा नुकसान पहुंचता है। – डॉ. विजय, वरिष्ठ फिजिशियन
बॉडी बनाने के लिए इस तरह के सप्लीमेंट जो भी युवा ले रहे हैं, वह सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं। इससे लिवर, किडनी, दिल को सीधा नुकसान पहुंचता है। – डॉ. सिरोही, वरिष्ठ फिजिशियन