मीडिया ग्रुप, 27 जुलाई, 2022
रिपोर्ट – मनीष ग्रोवर 9837676185
रुद्रपुर। फर्जी दस्तावेज लगाकर कुछ ठेकेदारों ने केंद्र सरकार की जल जीवन मिशन योजना में करोड़ों रुपये के टेंडर ले लिए हैं। इंजीनियरों की ओर से जब टेंडर की फाइलों की मूल प्रति देखी गई तो फर्जीवाड़ा सामने आया। मामले का संज्ञान लेकर डीएम ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर टेंडर लेने वाले ठेकेदारों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
सोमवार को जिला कार्यालय सभागार में जल जीवन मिशन योजना के कार्यों की डीएम युगल किशोर पंत ने समीक्षा बैठक ली। जेजेएम के कार्यों की धीमी प्रगति पर डीएम ने जलसंस्थान व पेयजल निगम के इंजीनियरों से सवाल जवाब किए। इसमें सामने आया कि कुछ ठेकेदारों ने रुद्रपुर व खटीमा के कुल 14 टेंडर फर्जी दस्तावेज लगाकर ले लिए हैं।
डीएम ने ठेकेदारों की ओर से लगाए जाने वाले दस्तावेजों की गहनता से जांच करने के निर्देश दिए हैं। इंजीनियरों को निर्देश दिए कि जनता की सहूलियत पर विशेष ध्यान दिया जाए न कि ठेकेदारों की सहूलियतों पर। उन्होंने कहा कि समय से काम शुरू न करने वाले ठेकेदारों के टेंडर तुरंत निरस्त किए जाएं। पानी की टंकी के निर्माण कार्य में मजदूरों की सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया जाए।
जेजेएम की नोडल अधिकारी व पेयजल निगम की अधिशासी अभियंता मृदुला सिंह ने बताया कि कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन (एफएचटीसी) की संख्या 95,406 हो चुकी है जबकि जिले में 2,01,229 कनेक्शनों का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि जिले के 607 राजस्व गांवों में से 604 राजस्व गांवों में ग्रामीण पेयजल व स्वच्छता समितियों का गठन हो चुका है।
वहां सीडीओ विशाल मिश्रा, पीडी हिमांशु जोशी, डीडीओ तारा ह्यांकी, डीपीआरओ आरसी त्रिपाठी, जलसंस्थान ईई तरुण शर्मा, आदि उपस्थित रहे।