मीडिया ग्रुप, 21 मई, 2022
काशीपुर। पट्टे की 5 एकड़ भूमि आवंटित कराने के नाम पर पेशकार ने एक व्यक्ति से डेढ़ लाख रुपए ठग लिए। आरोपी चकबंदी कार्यालय में कार्यरत बताया जा रहा है। पुलिस ने कोर्ट के निर्देश पर आरोपी के विरुद्ध धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करते हुए मामले की जांच शुरू कर दी।
न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर आवास विकास निवासी ने बताया कि वर्ष 2019 के सितंबर माह में चकबंदी कार्यालय काशीपुर में तैनात पेशकार रूपिंदर द्वारा उसे पता चला कि हाई कोर्ट नैनीताल से एक रिट याचिका स्वीकृत की गई है।
जिसमें ओबीसी तथा एससी जाति के लोगों को उत्तराखंड में 5 एकड़ भूमि पट्टे पर आवंटित की जाएगी। शिकायतकर्ता का आरोप है कि हाईकोर्ट के इस आदेश की नजीर मोबाइल फोन पर दिखा कर पेशकार ने उसे विश्वास में ले लिया।
इस कार ने कहा कि प्रति एकड़ 30 हजार के हिसाब से इस काम के पूरे डेढ़ लाख रुपए देने होंगे। दोनों के बीच सौदा तय होने पर शिकायतकर्ता नहीं उसे डेढ़ लाख रुपए दे दिए। शिकायतकर्ता का आरोप है कि इसके बाद पेशकार चकबंदी की पैमाइश के लिए गया लेकिन 2 वर्ष बाद भी उसे भूमि का पट्टा नहीं मिल सका। इस दौरान रकम वापस मांगने पर पेशकार साफ मुकर गया।
बीते 3 मार्च को शिकायत कर्ता ने उक्त मामले की तहरीर कोतवाली पुलिस को दी लेकिन पुलिस ने प्रकरण को गंभीरता से नहीं लिया। आरोप है कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को मामले की लिखित शिकायत करने पर एसएसपी द्वारा भी कोई कार्यवाही नहीं की गई। अंत में शिकायतकर्ता ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कोतवाली पुलिस को आरोपी के विरुद्ध केस दर्ज करने के निर्देश दिए। पुलिस ने कोर्ट के निर्देश पर घटना के लगभग 3 वर्ष बाद आरोपी पेशकार के विरुद्ध 420 आईपीसी के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत करते हुए मामले की जांच शुरू कर दी है।
उधर सूत्रों का कहना है कि धोखाधड़ी का अभियुक्त पेशकार बेहद शातिर दिमाग किस्म का है। इसके खिलाफ यदि उच्च स्तरीय जांच बिठाई जाए तो और भी तमाम मामले प्रकाश में आ सकते हैं।