सराहनीय : रामनगर में कार्बेट टाइगर रिजर्व में हथिनी के बच्चे का पूजा अर्चना बाद किया गया नामकरण, भोज का आयोजन।
मीडिया ग्रुप, 16 मई, 2022
रामनगर। कार्बेट टाइगर रिजर्व में हथिनी के बच्चे का पूजा अर्चना बाद विधि विधान के साथ नामकरण किया गया गया है, इस दौरान भोज का आयोजन भी किया गया। कार्बेट टाइगर रिजर्व के अधिकारियों और कर्मचारियों के इस कार्य को हम वन्य जीवों के संरक्षण के साथ ही उनके प्रति लगाव को भी देख सकते है।
विश्वविख्यात कॉर्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) को वन्य जीव संरक्षण के लिए मीटर रैंकिंग में टॉप रैंक हासिल चुका है। कॉर्बेट को अन्य टाइगर रिजर्व के साथ ही व्यवस्थित टाइगर रिजर्व में शामिल किया जा चुका है।
कार्बेट टाइगर रिजर्व द्वारा हथिनी को जिस मादा शिशु का नामकरण किया गया है, वह इस पार्क में अपनी मां और नानी के साथ रहती है। कार्बेट टाइगर रिजर्व के कालागढ़ में सुबह से ही वन कर्मियों की हलचल तेज थी। गंगा हथिनी व उसके 22 दिन के मादा शिशु को पहले नहलाया गया। मां बेटे को रंगोली लगाकर व फूलों की माला पहनाकर सजाया गया था।
नटखट शिशु कभी आते जाते लोगों को देख रहा था तो दूसरे ही पल मां के आंचल में छिप रहा था। शनिवार को गंगा हथिनी के 22 दिन के शिशु का नामकरण संस्कार किया गया। विधि विधान व मंत्रोच्चार के बाद शिशु का नाम खुशी रखा गया। इसके बाद भोज का आयोजन किया गया। कर्नाटक से लाई गई गंगा हथिनी ने 23 अप्रैल को एक मादा शिशु को जन्म दिया था। समय नहीं होने की वजह से विभाग ने 22 दिन में शनिवार को शिशु का नामकरण किया। पंडित ने पूजा अर्चना कराई।
पूजा अर्चना में सीटीआर निदेशक नरेश कुमार, कालागढ़ वन प्रभाग के डीएफओ प्रकाश आर्य, रेंजर राकेश भट्ट, स्थानीय लोग व वन कर्मी शामिल रहे। वन कर्मियों को गंगा हथिनी के शिशु के पैदा होने पर काफी खुशी थी। इसलिए सहमति से उसका नाम खुशी ही रख दिया गया। इसके बाद कैले, लड्डू व मिठाईयां बांटी गई। नामकरण संस्कार के बाद भोज का भी आयोजन किया गया।
सीटीआर के प्रभारी निदेशक नरेश कुमार ने बताया कि नए शिशु का नाम सभी की सहमति से खुशी रखा गया है। डीएफओ पीसी आर्य ने कहा कि इंसानों के साथ ही वन्य जीवों का भी उतना ही महत्व है। ऐसे आयोजन से वन्य जीवों के संरक्षण व सुरक्षा के प्रति लोगों में जागरूकता आएगी।
गंगा हथिनी अपनी मां कपिला के साथ जून 2017 कर्नाटक से आई थी। तब गंगा हथिनी की उम्र महज दो साल थी। हाथी कैंप में रहकर गंगा गर्भवती हो गई। सात साल की उम्र में ही 23 अप्रैल को उसने मादा शिशु को जन्म दिया। कार्बेट के कालागढ़ वन प्रभाग के डीएफओ पीसी आर्य ने बताया कि मादा शिशु खुशी कैंप में अपनी मां गंगा व नानी कपिला के साथ रह रही है। कालागढ़ में कपिला, गंगा व खुशी तीन पीढ़ी हो गई है।