मीडिया ग्रुप, 06 मई, 2022
अल्मोड़ा। दलित दूल्हे को घोड़ी से जबरन उतारने के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई गई है। मंदिर के पास से गुजरते वक्त किसी भी जाति का दूल्हा घोड़ी पर सवार होकर नहीं जाने को लेकर बड़े विवाद ने तूल पकड़ लिया है। 1980 में भी इस विवाद में कई लोगों की हत्या का आरोप है जो कफल्टा कांड के नाम से आज भी लोगों के याद है।
थला तडिय़ाल मौडाली में दलित दूल्हे को घोड़ी से जबरन उतारने की घटना ने एक बार फिर कफल्टा कांड की याद ताजा कर दी है। वहीं पूरे घटनाक्रम की जांच अब राजस्व से हटाकर खाकी के सुपुर्द कर दी गई है।
एसएसपी प्रशांत राय ने सीओ रानीखेत तपेश चंद्र को जांच अधिकारी नामित कर निष्पक्ष रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। लोक मान्यताएं व परंपरा कानून से ऊपर नहीं हैं। बलपूर्वक लोकमत के लिए दूल्हे को घोड़ी से उतारा जाना अस्पृश्यता निवारण अधिनियम के तहत अपराध माना जाएगा।
मामला बीती दो मई का है। थला तडिय़ाल निवासी दर्शन लाल के पुत्र विक्रम कुमार की बारात को मजबाखली के ग्रामीणों ने रोक दिया था। उनका तर्क था कि भूमिया देवी मंदिर के पास से गुजरते वक्त किसी भी जाति का दूल्हा घोड़ी पर सवार होकर नहीं जाता। इस पर विवाद शुरू हो गया।
पीडि़त पक्ष के दर्शन लाल ने तहसील प्रशासन को तहरीर देकर बारात रोकने वाले ग्रामीणों पर जातिसूचक शब्दों के उपयोग व कफल्टा कांड सरीखी घटना की पुनरावृत्ति न करने के लिए चेताया।
बहरहाल, डीएम वंदना सिंह तक मामला पहुंचा। एसडीएम गौरव पांडे ने राजस्व कर्मियों की टीम गांव में भेज साक्ष्य जुटा रिपोर्ट देने के निर्देश दिए।
बीते बुधवार शाम राजस्व पुलिस ने अनुसूचित वर्ग के दूल्हे को घोड़ी से उतारने पर महिलाओं सहित कई लोगों के विरुद्ध एससी एसटी एक्ट समेत धारा 504 व 506 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया। जांच तेज कर दी गई है। अलबत्ता, आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
नौ मई 1980 को सल्ट ब्लाक के कफल्टा क्षेत्र में अनुसूचित वर्ग की बारात जा रही थी। जानकारों की मानें तो लोकदेवता के मंदिर के पास से गुजरते वक्त दूल्हे को पुजारी ने घोड़े से उतरने को कहा। उन्होंने पुरानी परंपरा का हवाला दे दबाव बनाया तो बारातियों व पुजारी के बीच विवाद हो गया। इससे माहौल बिगड़ गया। इसके बाद बरात में शामिल 16 लोगों की हत्या कर दी गई थी।
उच्चतम न्यायालय तक मामला पहुंचा था। इसमें सर्वोच्च न्यायालय ने कुछ लोगों को घटना का दोषी मानते हुए कारावास की सजा भी सुनाई थी। उच्चतम न्यायालय में सुनवाई चलने तक कई आरोपित स्वर्ग सुधार चुके थे। बाद में जो गिरफ्तार किए गए उनमें सभी उम्रदराज थे। एक आरोपित तो 90 साल का बुजुर्ग भी था।
अब थला तडिय़ाल के तोक मजबाखली गांव में भी अनुसूचित वर्ग के दूल्हे को घोड़े से उतारे जाने पर विवाद छिड़ गया है।
एसएसपी प्रदीप कुमार राय ने बताया कि राजस्व पुलिस ने बीती बुधवार को ही मुकदमा दर्ज कर लिया था। पूरे प्रकरण की जांच अब रेगुलर पुलिस को मिल गई है। हमने सीओ रानीखेत तपेश चंद्र को जांच अधिकारी नियुक्त कर निष्पक्ष जांच के निर्देश दिए हैं।