मीडिया ग्रुप, 15 अप्रैल, 2022
रुद्रपुर। ऑनलाइन आवेदन कर आईटीसी की डीलरशिप की चाह रखने वाले व्यक्ति से 7.86 लाख रुपए की ठगी किए जाने का मामला सामने आया है। पीड़ित ने घटना की रिपोर्ट दर्ज करा दी है।
दर्ज रिपोर्ट में हिमांशु शर्मा पुत्र महेश चंद्र मूल निवासी ग्राम दुबेल बेरा, चोरगलिया हल्द्वानी हाल निवासी तीन पानी डाम, ट्रांजिट कैम्प ने कहा है कि उसने आईटीसी की डीलरशिप के लिये ऑनलाइन आवेदन किया।
उसके बाद 21 फरवरी 2022 को उसकी ई-मेल आईडी पर कम्पनी का ई-मेल प्राप्त हुआ। जिस पर कंपनी की जानकारी और कंपनी के रोल, डिस्ट्रीब्यूटर के रोल और आवश्यक कागजात के साथ ही कंपनी के उत्पाद और बाउचर की जानकारी दी गयी तथा उपरोक्त में ही कंपनी के रिलेशनशिप मैनेजर अनुराग बंसल का नंबर मोबाइल नम्बर भी दिया गया था।
फोन पर संपर्क करने पर पता चला आवेदन प्राप्त हुआ है तथा कहा डीलरशिप हेतु अपने कुछ दस्तावेज देने होंगे। हिमांशु का कहना है उसने मांगे दस्तावेज ऑनलाइन भेज दिए। उसके बाद 28 फरवरी 2022 को उसे कम्पनी से लेटर प्राप्त हुआ जिस पर रजिस्ट्रेशन फीस के नाम 25,000 रुपये दिये खाता नम्बर में जमा करने के लिये कहा गया।
जिस पर उसने 3 मार्च 2022 को चेक के माध्यम से 25,000 रूपये खाते में जमा कर दिये। उसके बाद 23 मार्च 2022 को उसे पुनः एक ई-मेल प्राप्त हुआ जिसमें मुझे प्रोडक्ट बुकिंग के लिये 3 लाख रूपये ई-मेल में दिये गये बैंक के खाता में जमा करने के लिये कहा गया था। 25 मार्च 2022 को उसके द्वारा धनराशि जमा कर दी गयी तथा इसी दिन ही उसे ई-मेल इनका फाईनल एग्रीमेण्ट प्राप्त हुआ।
हिमांशु का कहना है इसी दौरान मैनेजर अनुराग बंसल लगातार फोन पर बात करते रहे। इसके बाद फोन पर उसे बताया जीएसटी के लिये 1,08,000 रुपये जमा करने होंगे। जो 28 मार्च 2022 को जमा कर दिये गये। 30 मार्च 2022 को उसे एक मेल प्राप्त हुआ जिसमें दो लाख रूपये जमा कराये जाने का अनुरोध किया गया ।
30 मार्च 2022 को खाते में 2,72,000 रूपये जमा कर दिये गये। हिमांशु का कहना है उसके बाद 31 मार्च 2022 को ई-मेल आईडी से एक मेल प्राप्त हुआ, जिसमें कंपनी के कर्मचारियों द्वार लोकन विजिट के बारे में बताया गया तथा विजिट हेतु 80,129 रूपये की मांग की गयी थी। जिसे जो मेरे द्वारा दिनांक 31 मार्च 2022 को जमा की गयी।
उसके बाद दिनांक 1 अप्रैल 2022 को उसे एक मेल प्राप्त हुआ जिसमें एनओसी फार्म भेजा गया जिसके लिए सर्विस टैक्स देने के लिये 1,37,800 रुपये की मांग की गयी। हिमांशु का कहना है उसे शक हुआ कि काफी धनराशि जमा करने के बाद भीअभी तक डीलरशीप नहीं मिली। जब उसने सम्बंधित बैंक खातों के पता किया तो मालूम हुआ उक्त खाते आईटीसी कंपनी के नाम पर नहीं हैं।
उसके द्वारा अभी तक विभिन्न तिथियों में कुल 7,86,129 रुपये की धनराशि खातों में जमा की जा चुकी थी। डीलरशिप दिलाने के नाम पर उसके लिए ऑनलाइन धोखाधड़ी की गई। पुलिस ने मामला दर्ज किया जांच शुरू कर दी है।