मीडिया ग्रुप, 10 अप्रैल, 2022
काशीपुर। अवैध खनन में सीज किए डंपर को वन क्षेत्राधिकारी के फर्जी आदेश तैयार कर अवमुक्त कराने का मामला प्रकाश में आया है। पुलिस ने तहरीर के आधार पर आरोपी के विरुद्ध धोखाधड़ी का मुकदमा पंजीकृत करते हुए जांच की कार्रवाई शुरू कर दी है।
पुलिस को दी तहरीर में वन क्षेत्राधिकारी तराई पश्चिमी ललित कुमार आर्य ने बताया कि विभागीय अनुमति के बगैर अवैध खनन को परिवहन करने के आरोप में डंपर संख्या यूपी 22एटी/6032 को पुलिस द्वारा कार्यवाही के दौरान सीज करते हुए उसे कुंडेश्वरी स्थित आई आई एम परिसर में खड़ा कर दिया गया। सीज डंपर अवैध उप खनिज से लोड था।
वन विभाग को जब आवश्यक कार्यवाही हेतु पुलिस द्वारा प्रपत्र प्रेषित किए गए तो बीट प्रभारी द्वारा वाहन के भौतिक सत्यापन के पश्चात जांच वन दरोगा बृजेश शर्मा के सुपुर्द की गई। बताया गया कि बीते 5 अप्रैल को जब जांच अधिकारी द्वारा वाहन स्वामी से संपर्क करने का प्रयास किया गया तथा वाहन की जांच हेतु आई आई एम परिसर मे तस्दीक किया तो सीज किया डंपर वहां से गायब मिला।
इस बारे में अत्यधिक जानकारी जुटाने पर कुंडेश्वरी पुलिस चैकी से पता चला कि बीते 8 अप्रैल को क्षेत्राधिकारी वन विभाग कार्यालय से सीज डंपर को अवमुक्त करने के आदेश जारी किए गए थे पुलिस ने बताया कि यही आदेश दिखाकर डंपर स्वामी भारतीय प्रबंधन संस्थान से डंपर ले गया।
सीओ कार्यालय से जारी पत्र की जब जांच की गई तो वह फर्जी पाया गया। पत्र में वन क्षेत्राधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर नहीं गए थे। पुलिस ने शिकायत के आधार पर डंपर स्वामी के विरुद्ध धोखाधड़ी के विभिन्न धाराओं में अभियोग पंजीकृत करते हुए अभियुक्त की गिरफ्तारी के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं।