उत्तराखंड : डा. निधि उनियाल ने दिया बहादुरी का परिचय, बिना गलती माफी मांगने से इंकार पर हुआ ट्रांसफर तो नौकरी से दिया इस्तीफा, मुख्यमंत्री ने ट्रांसफर आदेश किया निरस्त।
उत्तराखंड में नौकरशाही हावी, अधिनस्थों पर भी तानाशाही जैसा रवैया।
मीडिया ग्रुप, 01 अप्रैल, 2022
देहरादून। दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय की वरिष्ठ महिला चिकित्सक डा. निधि उनियाल और स्वास्थ्य सचिव प्रकरण में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तत्काल प्रभाव से डा. निधि उनियाल के स्थानांतरण निरस्त कर दिया है।
स्वास्थ्य सचिव की पत्नी से हुए विवाद के बाद दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय की वरिष्ठ महिला चिकित्सक डा. निधि उनियाल का स्थानांतरण अल्मोड़ा कर दिया गया। इस पर महिला चिकित्सक ने स्थानांतरण को गलत ठहराते हुए इस्तीफा दे दिया। इसकी प्रति उन्होंने मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और दून व अल्मोड़ा मेडिकल कालेज के प्राचार्य को भी भेजी।
इस प्रकरण से दून अस्पताल से लेकर शासन तक हड़कंप मच गया। डा. निधि उनियाल के अनुसार वह गुरुवार को अस्पताल में ओपीडी में मरीज देख रही थीं। इसी दौरान अस्पताल प्रशासन ने उन्हें स्वास्थ्य सचिव डा. पंकज पांडेय की पत्नी को देखने के लिए उनके घर जाने को कहा। मरीजों की भीड़ को देखते हुए उन्होंने इसमें असमर्थता जताई लेकिन अधिकारियों ने इसे जरूरी बताया।
डा. निधि मेडिकल स्टाफ के साथ स्वास्थ्य सचिव के घर पहुंचीं। उन्हें सचिव की पत्नी का ब्लड प्रेशर जांचना था लेकिन ब्लड प्रेशर जांचने की मशीन बाहर कार में छूट गई थी। मशीन लेने के लिए उन्होंने स्टाफ को भेजा। आरोप है कि इस पर सचिव की पत्नी नाराज हो गई और मोबाइल पर बात करते हुए उनके बारे में अशोभनीय शब्दों का इस्तेमाल किया। इस पर दोनों के बीच काफी बहस हुई।
डा. निधि स्टाफ के साथ अस्पताल लौट आई। डा. निधि ने बताया कि अस्पताल प्रशासन ने उन्हें सचिव की पत्नी से माफी मांगने को कहा। उन्होंने ऐसा करने से इन्कार कर दिया। उनका कहना था कि जब कोई गलती ही नहीं की तो माफी क्यों मांगें। इसके बाद वह कालेज में क्लास लेने चली आईं।
पता चला है कि इसी बीच अस्पताल के कुछ अधिकारी सचिव के घर पर भी गए लेकिन उनकी पत्नी ने मिलने से इन्कार कर दिया। इसके बाद दोपहर करीब तीन बजे स्वास्थ्य सचिव की ओर से जारी आदेश आया जिसमें डा.निधि को सोबन सिंह जीना राजकीय मेडिकल कालेज अल्मोड़ा से संबंद्ध करने को कहा गया।
डा. निधि ने इस पर आपत्ति जताते हुए स्वास्थ्य सचिव को अपना इस्तीफा भेज दिया। उनका कहना था कि वह एक प्रशिक्षित चिकित्सक हैैं और देश के कई प्रतिष्ठित मेडिकल कालेज में काम कर चुकी हैैं। अस्पताल में मरीजों को छोड़कर किसी के घर जाकर उसे देखना उनका काम नहीं है। इसके बावजूद वह अस्पताल प्रशासन के कहने पर सचिव की पत्नी को देखने उनके घर गईं।
डा. निधि ने आरोप लगाया कि वहां उनके साथ अभद्र व्यवहार किया गयाए जिसका विरोध करने पर उनका स्थानांतरण कर दिया गया। मामले को लेकर स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास में मिलकर प्रकरण से अवगत कराया था। जिसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थानांतरण स्थगित करने के लिए मुख्य सचिव को निर्देश दिए। उन्होंने इस प्रकरण की जांच के लिए कमेटी बनाने के लिए भी कहा है।