उत्तराखंड : सत्ता के शिखर पर पुष्कर सिंह धामी, दूसरी बार मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने दिया अवसर।

मीडिया ग्रुप, 23 मार्च, 2022

उत्तराखंड की सियासत में ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए भाजपा ने इतिहास रचा है। सीएम धामी को आज राज्यपाल गुरमीत सिंह ने प्रधानमंत्राी नरेंद्र मोदी की गरिमायी उपस्थिति में कैबिनेट के कुल आठ सदस्यों के साथ शपथ दिलायी गई है। सभी को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है।

गौरतलब है कि पिछले कार्यकाल में तत्कालीन सीएम तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे के बाद सीएम धामी के अलावा 11 मंत्रियों ने शपथ ली थी। मंत्रिमंडल में सभी पुराने चेहरों को बरकरार रखा गया और एकमात्र परिवर्तन यही किया गया कि सभी को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया था।

पिछले दो विधानसभा चुनाव और दो लोकसभा के चुनाव में भाजपा को प्रचंड बहुमत मिल रहा है। हांलाकि अब राज्य के चहुमुखी विकास की बागडोर भी युवा मुख्यमंत्री के हाथों में थमा दी गई है। जबकि केंद्र सरकार में भाजपा की सरकार स्थापित है।

प्रदेशवासियों की उम्मीदों के अनुरूप राज्य की प्रगति और निरंतर विकास का संकल्प लेकर पुष्कर सिंह धामी एक बार फिर नई पारी की शुरूआत करेंगे। पिछले छः महिने के कार्यकाल में भी सीएम धामी हर वर्ग को प्रोत्साहित करने की नीति अपनाकर विपक्ष को चारों खाने चित करने में भी कामयाब हो गये है।

माना जाता है कि प्रदेश में हुए 2022 के विधानसभा चुनाव में एंटीइनकमबैक्सी पूरी तरह हावी हो चुकी थी। जबकि देश भर में व्यप्त महंगाई और बेरोजगारी से जैसे मुद्दों को उत्तराखंड में मैनेज करने की कला भी धामी को सत्ता के शिखर पर पहुंचाने में सफल हो रही है।

तत्कालीन सरकार में सीएम धामी ने सरकारी कर्मचारियों और कोरोनाकाल में प्रभावित हुए लोगों को राहत पहुंचाने का काम सक्रियता से अंजाम दिया। तमाम मिथकों को तोड़कर भाजपा ने राज्य में लगातार दूसरी बार सरकार बना ली है। पुष्कर सिंह धामी लगातार दूसरी बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने।

पुष्कर सिंह धामी इस बार के विधानसभा चुनाव में खटीमा से हार गए थे, जिसके बाद बीजेपी में मुख्यमंत्री के नाम को लेकर माथापच्ची शुरू हो गई थी। बीजेपी ने धामी के नाम पर मुहर लगाने में 11 दिन लगा दिए। अब धामी सरकार का शपथ ग्रहण हो चुका है। सीएम धामी का राजनीति सफर भी पहाड़ चुनौतियों के साथ आगे बढ़ता जा रहा है।

पिथौरागढ़ की पवित्रा और आदि शक्ति का आस्था का केंद्र में उनका गांव है। पुष्कर सिंह राजनीति में आने के बाद देहरादून में सक्रिय रहे। तत्कालीन सीएम बीसी कोश्यारी के साथ उनका राजनीकि कैरियर शुरू हुआ। पुष्कर सिंह धामी जुलाई 2021 में तीरथ सिंह रावत के इस्तीफा देने के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने थे।

उन्होंने 45 साल की उम्र में सत्ता संभाली और राज्य के सबसे कम उम्र के सीएम बने। धामी को महाराष्ट्र के राज्यपाल और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी के शिष्य के रूप में माना जाता है। वह उनके विशेष कर्तव्य अधिकारी (ओएसडी) और सलाहकार के रूप में कार्य कर चुके हैं। धामी ने 1990 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के साथ अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की और दो बार भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे।

उन्होंने स्थानीय युवाओं के लिए उद्योगों में नौकरियों के आरक्षण के लिए अभियान चलाया। पुष्कर सिंह धामी के पिता सेना में सूबेदार के पद से सेवानिवृत्त हुए। उनका जन्म पिथौरागढ़ के टुंडी गांव में हुआ था।

धामी का परिवार अपने पैतृक गांव हरखोला से खटीमा में शिफ्ट हो गया था। पुष्कर सिंह धामी पांचवीं में खटीमा चले गए, जो बाद में धामी की कर्मभूमि बन। उन्होंने वहां से दो बार विधानसभा चुनाव जीता। धामी ने लखनऊ विश्वविद्यालय से मानव संसाधन प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में स्नातक की उपाधि प्राप्त की और उनके पास कानून की डिग्री भी है।